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Friday, 22 November 2024


 
















भारतीय नाट्यशास्त्र के अनुसार, नाट्य (थिएटर) में कुल नौ रस होते हैं। इन्हें "नवरस" कहा जाता है। ये रस मानवीय भावनाओं और अनुभवों की विभिन्न अवस्थाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।


नौ रस इस प्रकार हैं:


1. श्रृंगार रस (प्रेम और सौंदर्य)

प्रेम, आकर्षण और सौंदर्य का रस।

उदाहरण: प्रेमी-प्रेमिका का मिलन।


2. हास्य रस (हँसी और मज़ाक)

हास्य, मज़ाक और विनोद का रस।

उदाहरण: हास्य दृश्य।


3. करुण रस (दुःख और करुणा)

पीड़ा, शोक और संवेदना का रस।

उदाहरण: किसी प्रियजन का वियोग।


4. रौद्र रस (क्रोध और आक्रोश)

गुस्सा और आक्रोश का रस।

उदाहरण: युद्ध या बदले की भावना।


5. वीर रस (साहस और वीरता)

बहादुरी और शक्ति का रस।

उदाहरण: युद्ध में वीरता का प्रदर्शन।


6. भयानक रस (भय और आतंक)

डर और आतंक का रस।

उदाहरण: डरावने दृश्य।


7. बीभत्स रस (घृणा और वितृष्णा)

घृणा, गंदगी और वितृष्णा का रस।

उदाहरण: किसी अप्रिय दृश्य का अनुभव।


8. अद्भुत रस (आश्चर्य और चमत्कार)

आश्चर्य और चमत्कार का रस।

उदाहरण: किसी अद्भुत दृश्य को देखना।


9. शांत रस (शांति और स्थिरता)

शांति और संतोष का रस।

उदाहरण: ध्यान या मोक्ष की अवस्था।


ये रस दर्शकों के भीतर गहरी भावनाएं जागृत करते हैं और नाटक या प्रस्तुति को जीवंत बनाते हैं।

Thursday, 21 November 2024


 










Theatre se aap kaise samjhte hai... ??? 


Theatre ek aisi kala hai jo insani jazbaton ko gehri tarah se chhooti hai. Isme emotions ka ek strong element hota hai, kyunki live performances me actors apne pure jazbat audience ke samne pesh karte hain. Theatre ke emotions kaafi impactful hote hain, aur inka asar audience par seedha padta hai.


Kuch wajah jo theatre ko itna emotional banati hain:


Live Interaction: Actors aur audience ke beech ek live connection hota hai, jo ek unique energy create karta hai. Audience ko lagta hai ki woh kahani ka hissa hain.


Body Language aur Expressions: Theatre actors apne jazbaton ko facial expressions, body language aur dialogue delivery ke zariye gehre tareeke se pesh karte hain.


Realism: Theatre ki simplicity aur rawness ek natural aur relatable feel deti hai, jo emotional impact ko aur zyada gehra bana deti hai.


Themes: Theatre ki stories aksar human emotions, relationships, aur struggles ko depict karti hain, jo audience ke dil tak jaati hain.


Isi wajah se theatre sirf entertainment ka medium nahi hai, balki insani jazbaton ko samajhne aur unhe mehsoos karne ka ek zariya bhi hai.

Friday, 22 December 2023


 















Documentary film ka script likhne ke liye, aapko kuch important steps follow karne honge:


Research: Apne documentary topic ko acche se research karein. Thorough knowledge hona zaroori hai.


Outline: Ek rough outline banayein, jisme aap apne documentary ke main points, themes, aur key moments ko include karein.


Introduction: Shuruwat mein audience ko film ke context mein lekar aayein. Clear introduction se audience ka interest capture karna important hai.


Characters/Interviews: Agar aap interviews include kar rahe hain, toh unke questions aur unke jawab ka format tay karein. Characters ya real-life stories ko highlight karein.


Visuals: Script mein visuals aur B-roll shots ke liye placeholders bhi include karein. Ye aapko shooting aur editing ke phase mein help karega.


Narration: Agar aap apne documentary mein voiceover use kar rahe hain, toh narration script likhein. Yeh clear, concise, aur engaging hona chahiye.


Transitions: Film ke different sections mein smooth transitions ke liye script mein transition points include karein.


Conclusion: Documentary ka conclusion kaise hoga, uske baare mein soche. Aap apne audience ko kya message dena chahte hain?


Script Formatting: Standard script formatting guidelines follow karein, taki production team ko aasani se samajh aaye.


Feedback: Apne script ko peers ya experts se review karwayein, taki aapko valuable feedback mil sake.


Remember, documentary scripts can be flexible, but having a well-structured plan is crucial.




Thursday, 21 December 2023


 













Documentary film ka topic chunne ke liye, aap ye steps follow kar sakte hain:


Apne Interests: Apne interests aur passions ke baare mein sochhein. Kya aap kisi particular subject mein interested hain?


Current Issues: Samay ke anusaar chal rahe issues ko dhyan mein rakhein. Kuch aisa choose karein jo aapko personally affect karta ho ya jo society mein important ho.


Research: Internet, books, aur articles se research karein. Aapke topic par kya information available hai, isse aapko idea milega ki aap kis angle se approach karna chahte hain.


Audience: Apne documentary ki audience ka target clear karein. Aap kis tarah ke viewers ko target karna chahte hain?


Unique Perspective: Koshish karein ki aapka documentary kuch unique ho, kuch naya dikhaye, ya ek alag perspective se samjhaaye.


Feasibility: Aapke pass topic par research aur filming karne ke liye resources hain ya nahi, iska bhi dhyan rakhein.


Impact: Sochein ki aapka documentary kis tarah se viewers par impact dal sakta hai. Kya aap kisi social change ko promote karna chahte hain?


In steps ko follow karke aap ek compelling documentary topic decide kar sakte hain.




Unique Perspective: Koshish karein ki aapka documentary kuch unique ho, kuch naya dikhaye, ya ek alag perspective se samjhaaye.


Feasibility: Aapke pass topic par research aur filming karne ke liye resources hain ya nahi, iska bhi dhyan rakhein.


Impact: Sochein ki aapka documentary kis tarah se viewers par impact dal sakta hai. Kya aap kisi social change ko promote karna chahte hain?


In steps ko follow karke aap ek compelling documentary topic decide kar sakte hain.




Friday, 26 May 2023


 













गिम्बल वीडियो शूट करने के लिए एक गिम्बल उपकरण का उपयोग किया जाता है। गिम्बल एक स्टेबिलाइजेशन सिस्टम है जो आपकी कैमरे को बिना कंपन के स्थिर रखने में मदद करता है और सुनिश्चित करता है कि शूटिंग के दौरान तांत्रिक पलटन और हिलावट का कमी होती है। यह वीडियो और फ़ोटोग्राफी में उच्च गुणवत्ता और सुव्यवस्थित दृश्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है।


गिम्बल को वीडियो शूट करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:


1. गिम्बल उपकरण की तैयारी: अपने गिम्बल को वीडियो शूट करने से पहले उचित तरीके से तैयार करें। यह आमतौर पर बैटरी चार्ज करने या उपकरण को समय-समय पर सेट करने को शामिल करता है।


2. कैमरा माउंट करें: अपनी वीडियो कैमरा को गिम्बल पर माउंट करें। यह आपकी कैमरे को स्थिर रखने और उसे गिम्बल सिस्टम के साथ इंटरफ़ेस करने में मदद करेगा।


3. गिम्बल का बैलेंसिंग: अपने गिम्बल को बैलेंस करें। यह उपकरण का महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि यह सुनिश्चित करेगा कि कैमरा स्थिर रहता है और आपको स्थानांतरण के दौरान बलांस नहीं खोना पड़ता है।


4. कैमरा सेटिंग्स: अपनी वीडियो कैमरे की सेटिंग्स को सही करें। यह शामिल करता है शूटिंग मोड, शटर स्पीड, आपरेचर और व्हाइट बैलेंस जैसे पैरामीटर्स को समायोजित करना।


5. गिम्बल के गतिशीलता सेटिंग्स: अपने गिम्बल के गतिशीलता सेटिंग्स को निर्धारित करें। यह आपके शूट करने के स्टाइल और आवश्यकताओं के आधार पर होगा, जैसे कि कैमरा के रोल, पैच, और यॉ एक्सिस व्यवस्था को सेट करना।


6. वीडियो की कद्रबद्धता: वीडियो की कद्रबद्धता सेट करें, जैसे 30 फ्रेम्स प्रति सेकंड (FPS) या 60 FPS। यह आपके वीडियो की चाल, सुविधाओं और इंटेंडिड उपयोग के आधार पर चुना जा सकता है।


Saturday, 6 May 2023


Krishn bhagwaan














कृष्ण जी हिंदू धर्म के एक महान आध्यात्मिक गुरु थे जिन्होंने महाभारत काल में अर्जुन को गीता के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान दिया था। वे उन्होंने अपने जीवन में अनेक उपदेश दिए थे, जो कलयुग में भी बहुत महत्वपूर्ण हैं।


प्रथम उपदेश है धर्म के अनुसार कर्म करना। कृष्ण जी ने बताया कि हमें अपने कर्तव्यों को अच्छी तरह से करना चाहिए और इसके लिए हमें कर्म के फल से आसक्त नहीं होना चाहिए। यह उन्हें कर्मयोग के सिद्धांत का दृष्टिकोण देता है।


दूसरा उपदेश है सच्चे और निस्स्वार्थ प्रेम का महत्व समझना। कृष्ण जी ने बताया कि सच्चा प्रेम भगवान के प्रति होना चाहिए और हमें अपने आप से ज्यादा दूसरों के लिए सोचना चाहिए।


तीसरा उपदेश है अहंकार का त्याग करना। कृष्ण जी ने बताया कि अहंकार हमें समस्याओं में डाल सकता है और इसलिए हमें अहंकार को त्याग करना चाहिए।


कृष्ण जी के चौथे उपदेश में संतोष का महत्व बताया गया है। यह उनके कलयुग में दिए गए उपदेशों में से एक है जो आज भी बहुत महत्वपूर्ण है।


कृष्ण जी ने संतोष को वह स्थिति बताया है जहाँ हम अपने जीवन में हमेशा शांति और संतुष्टि का अनुभव करते हैं। यह स्थिति उन्हें कलयुग में सबसे उच्च आध्यात्मिक स्थिति मानी गई है।


इस उपदेश के अनुसार, हमें अपने जीवन में संतोष की तलाश करनी चाहिए और हमेशा उस चीज के लिए प्रयास करना चाहिए जो हमें खुशी देती है। यह हमें आनंद और समृद्धि का अनुभव करने में मदद करेगा।


कृष्ण जी ने संतोष को धन, सम्मान और इस तरह की सामग्री से नहीं जोड़ा, वे बताते हैं कि संतोष मन की शांति से आता है। वे यह भी बताते हैं कि संतोष के बिना दूसरे आध्यात्मिक स्थितियों जैसे शांति, समझ और ध्यान का अनुभव नहीं हो सकता।


इसलिए, कृष्ण जी का यह उपदेश कल युग के सभी लोगों के लिए लाभदायक हो सकता हैं!!!

Thursday, 30 March 2023


 















What's the difference between filmmaking and cinematographer..


Filmmaking vs cinematography


अगर आप filmmaking करते है या cinematography करते है ,तोह आप को कभी न कभी ये सवाल आप के ज़हन में जरूर आया होगा कि filmmaking और cinematography में क्या अंतर है...हालाँकि दोनों फिल्म से संबंधित भूमिकाएँ हैं, फिर भी एक अलग अंतर है...



सीधे शब्दों में कहे तोह filmmaking, फ़िल्म के throw (माध्यम) से कहानी कहने की कला है...वही दूसरी तरफ cinematography ,filmmaking process का एक हिस्सा है और इसमें visual adds, lighting and camera equipment के uses (उपयोग) के throw से motion picture को capture करना होता है...


Filmmaker के visualisation बेहद strong होते है और एक filmmaker अपना अधिकांश समय writing और direction को देता है... directors के दिमाग में एक दुनिया होता है जिसे वो cinema के जरिए दुनिया के साथ share करते है... 


*अब हम बात करते है cinematography एंड filmmaking के skills and education में क्या अंतर है...

तोह सबसे पहले cinematography के skills and education की बात करते है...


सिनेमैटोग्राफरों के पास एक creative mind और strong sense की एक art होनी चाहिए, ताकि वे imagine कर सकें कि final image कैसी दिखेगी। उन्हें कैमरा ऑपरेशन, लाइटिंग की  knowledge होना चाहिए।



उन्हें फिल्म के लिए director के vision को समझना चाहिए और यह पता लगाना चाहिए कि कौन से techniques को apply करना चाहिए जिससे movie के scene को strong bana सके... Cinematographers को bachelors degree लेना चाहिए ताकि वो professionally काम करे...bachelors degree लेने के बाद as an intern काम करे और अपने सीखे skills को apply करे then आप professionally इस field में as an cinematographer job कर सकते हैं..


Filmmaking के skills and education की बात करते है...


निर्माता और निर्देशकों सहित फिल्म निर्माता स्क्रीन पर और पीछे दोनों जगह फिल्म के निर्माण में जाने वाले हर तत्व की देखरेख के लिए जिम्मेदार हैं। निर्माता फिल्म के वित्तपोषण पर काम करते हैं, और परियोजना के सभी व्यावसायिक और संगठनात्मक पहलुओं का प्रबंधन करते हैं। वे डायरेक्टर को हायर भी करते हैं।



निर्माता और निर्देशक मिलकर स्क्रिप्ट को अंतिम रूप देते हैं और फिल्म के लुक और टोन को तय करते हैं। वे शेड्यूल, बजट, कास्ट और क्रू के बारे में निर्णय लेते हैं। निर्देशक कलाकारों और सिनेमैटोग्राफर के साथ मिलकर काम करते हैं ताकि स्क्रीनप्ले की उनकी व्याख्या जीवंत हो सके। फिल्म निर्माता परियोजना के बारे में हर विवरण के बारे में अंतिम निर्णय लेते हैं।








Tuesday, 14 February 2023


 















मंडी हाउस...

इस जगह का महत्व वही बात सकता है, जिसने इस जगह को जिया है...और इस जगह पर जीने वाले लोग सिर्फ दिल्ली के नही है बल्कि हिंदुस्तान के कोने-कोने के लोग है...

अगर आप को दिल्ली में कलाकारों की भीड़ देखनी है तोह आप मंडी हाउस आ सकते हो...

इंडस्ट्री में जो भी महान कलाकार है उनका इस जगह से गहरा रिस्ता है और हो भी क्यो ना क्योकि आखिरकार यंहा NSD है..NSD वो जगह है जंहा हिंदुस्तान के कोने कोने के लोग रंगमंच का प्रशिक्षण लेने आते है...NSD ने हिंदुस्तान को उम्दा कलाकार दिए हैं...


क्या आप को पता है यंहा पर हर साल भारत रंग महोत्सव सेलिब्रेट किया जाता है...


इस सेलिब्रेशन को कलाकार ही नही बल्कि सभी लोग एन्जॉय करते है और एन्जॉय करे भी क्यो न क्योकि आप को इस महोत्सव में बहुत कुछ देखने को मिलेगा....


तोह अब हम आप को "22वां भारत रंग महोत्सव"  की पूरी जानकारी देंगे....


नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा का ‘भारत रंग महोत्सव’ इस बार सिर्फ 12 दिन का होगा...और दिल्ली में ये महोत्सव 14 से 23 फरवरी तक होगा...इस महोत्सव में कई शो सम्मलित है और सभी शो

ओपन एयर- एनएसडी, श्रीराम सेंटर, एलटीजी, कमानी ऑडिटोरिम (मंडी हाउस) में होगा और ये सभी शो  "5, 6, 6:30,7" बजे होगा....अगर आप इन शो का लुफ्त उठाना चाहते है तो आप एडवांस में बुक माई शो से बुकिंग कर सकते है...


 दिल्ली के रंगमंच प्रेमी 33 नाटक देख सकेंगे...

वैसे तोह हर साल देशी नाटक के साथ - साथ विदेशी नाटक होते थे लेकिन इस बार रंगमंच के इस इंटरनैशनल फेस्टिवल में विदेशी नाटक नहीं होंगे क्योकि कोविड की वजह से विदेशी नाटक कंपनियों को आमंत्रित करने की प्रक्रिया नहीं हो पाई।

 

इस बात के रंग महोत्सव के लिए रंगमंच प्रेमी इसलिय भी एक्ससिटेड है क्योकि कोविड के दो साल वापसी कर रहे भारत रंग महोत्सव....



22वां भारत रंग महोत्सव दिल्ली के अलावा नासिक, जयपुर, राजमुंदरी, भोपाल, जम्मू, श्रीनगर, गुवाहाटी, रांची और केवड़िया में होगा....



 इस भारत रंग महोत्सव में पुस्तक विमोचन, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी, लिविंग लेजेंड, मास्टर क्लासेज, मीट द डायरेक्टर जैसे इवेंट और नए फोक टैलेंट और 10 पारंपरिक प्रस्तुति भी फेस्ट के मंच पर होंगे...


तोह उम्मीद करती हूं कि आप को ये सारी जानकारी पसंद आया हो...

शुक्रिया





Thursday, 9 February 2023


 















ज़िन्दगी में आप को किस चीज की तलाश है??


ज्यादा तर लोगो का क्या जवाब होगा ? यही की घर पैसा , गाड़ी या प्यार लेकिन आप को पता है, हकिक़त में हमे इन सभी चीजों की तलाश नही होती है, ये सब तोह बस ज़िन्दगी के लिए जरूरी है या कह सके तोह हमारी जरूरत है..


"आप को पता है ज़रूरत कभी आप की तलाश नही हो सकती है..."

लेकिन कोई इस बात को समझता ही नही है...इस दुनिया मे लोगो को लगता है जरूरत ही तलाश है...

लेकिन हकिकत ये है कि जरूरत एक लालच हैं और लालच कभी खत्म नही होता है... कभी सोचा आप ने कि एक्चुअल में आप किसकी तलाश में है..?

यकीनन नही सोचा होगा क्योंकि हम अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए भाग रहे...

इस दुनिया के परे भी एक दुनिया है, जंहा जरूरत और लालच नही है....

"पता है वो आप कि खुद की दुनिया है"...

आप खुद के साथ संतुष्ट रह सकते है..

खुश रह सकते है..

आप खुद के साथ शांत रह सकते है...आखिर हमें ज़िन्दगी के अंत मे क्या चाहिए शांति और सुकूनयत.. ये शांति और सुकूनयत आप को पैसा और गाड़ी या इस दुनिया की चकाचौन्द नही दे सकता है...


आप के अंदर एक दुनिया बस्ती है और ब्रह्मांड बस्ता है ,क्योंकि हम उन्ही के अंश है जो दुनिया और ब्रह्मांड को चलाता है...और जब हमारे अंदर पूरा ब्रह्मांड है तोह क्यो चाहिए पैसा और गाड़ी... हम क्यों नही समझते कि हमारा कर्म ही पैसा और गाड़ी है...हम क्यों नही समझते कि हम अपने अंदर ही संतुष्ट और शांत है....


आखिर क्यों?क्यो?

सोचो आप.....




Thank You @jyotirai


Thursday, 19 January 2023


 
















सुना है आप ने "शोर में ख़ामोशी" 

क्या कहा आप ने कि मैं कैसी बात कर रही हूँ...


जी में सही बात कर रही हूँ क्योकि शोर की खामोशी में एक अजीब सा सुकून हैं...

क्या कहा आप ने कि आप ने कभी शोर में खामोशी महसूस नही की हैं..जनाब वो इसलिए क्योंकि आप ने कभी खुद के साथ वक़्त बिताया ही नही , कभी खुद के साथ वक़्त बिताइए ,आप को जरूर शोर में खामोशी मिलेंगी...


इस ब्रह्मांड में जितने एहसास है आप वो हर एहसास के फ़लक को छू सकते है बस खुद के साथ वक़्त बिता के...क्योकि आप खुद के अन्दर ही संतुष्ट होते हैं लेकिन ये बात से अवगत धरती को कोई व्यक्ति नही है...


ओह्ह हो! लगता है मैंने ज़्यादा ही अजीब बात कर दी... देखो! मेरे लिए अजीब बात नही है...मैं जानती हूं आप के लिए होगा...क्योकि आप खुद के साथ नही है ना....

मेरी बातें आप को समझ आएगी जब आप खुद के साथ वक़्त बिताएंगे...






Tuesday, 29 March 2022

 







 







 


मैं और मेरे ख्याल !!



लिख रही हूँ !! 

लिखते - लिखते कहां जाउंगी नहीं पता... खैर मैं जंहा भी जाऊं, आप भी चलिए मेरे साथ.. क्या पता आप को अच्छा लगें मेरे साथ..


आप को पता है मैं बहुत मुश्किल ही किसी में खुद को देखती हूँ.. कोई दिखा है , जो हु-बा-हु मुझ सा है..लेकिन मैं उससे दूर ही रहना चाहती हूँ...पता है क्यों ? क्योंकि मुझ को मुझ से ही डर लगता हैं और ख़ुद को उस डर से बहुत मुश्किल से निकाला है..उस डर में खुद को देखना मुश्किल है मेरे लिए!!


ओह्ह हो!! मैं भी क्या बात कर रही हूँ...

शिर्फ़ मेरी, अब बात करते है हमारी क्योकि आप भी मेरे साथ हैं.. मैं आप को कैसे छोर सकती हूँ..


आप को पता है आप हमेशा मेरे साथ रहते हो..मैं कभी अकेले रही ही नहीं.. आप को नही आप कौन हैं? आप मेरे ख्याल है..आप मेरे हर जज़्बात में शामिल रहे हैं... जीतना आप मुझे जानते हो , उतना तोह शायद ही मुझे कोई जानता होगा...और शायद ही मुझे कोई जान सके...


मुझे  आप के साथ रहना और वक़्त बिताना बेहद पसंद हैं...


देखा मैंने कहा था न ,मैं लिखते-लिखते कहीं भी चली जाती हूँ... और मैं जंहा भी जाती हूँ मुझे बहुत मज़ा आता है!!


खैर यही खत्म करते है...

आज की artical में मस्त बात क्या है पता है ? आज में ज्ञान नही दे रही हूँ !! 😅


Tuesday, 8 March 2022


 














women's day : महिलाओं का संघर्ष !!


देश स्वतंत्र हो गया लेकिन महिलाये अभी तक स्वतंत्र नहीं हुई वो अभी भी  गुलाम है शादी से पहले माँ बाप के घर में शादी के बाद ससुराल में । जब जब महिलाओ ने आजादी की मांग की है ,तब तब उनको संघर्ष का सामना करना पड़ा है ,बिना संघर्ष महिलाओ को कुछ नहीं मिला यदि आज के कल युग में महिलाएं आगे है ,तो शिर्फ और शिर्फ अपने संघर्ष की वजह से ,उन सारी महिलाओ को सलाम जो इतिहास में अपने संघर्ष से नारी सक्ति को वयक्त की है।


आज के समय में लड़कियों को पढ़ने की आजादी मिल गई है लेकिन नॉकरी की आजादी नही मिली अभी भी ,लड़कियों को आजादी से बाहर घूमने की आजादी नहीं है क्योकि बाहर कुछ दरिन्दे है जो आजाद लड़कियों को देख हमला कर देते है ताकि वो आजाद न हो सके । 


इस देश के अजीब लोग है पुरे साल औरतो को सम्मान नहीं देंगे और एक दिन में ( woman's day ) पुरे साल का सम्मान दे देंगे । मुझे तो समझ नहीं आता क्यों बनाना पड़ता है womans day ? इतना पीछे है लोगो की सोच महिलाओ के प्रति जो जागरूक कराने के लिए डे की आवश्यक्ता है । वक़्त आगे बढ़ रहा है सोच को कब आगे बढ़ाओगे । महिलाये आगे बढ़ेगी तो समाज और हमारा भारत देश आगे बढ़ेगा ।





Saturday, 5 March 2022

 








DILLI HAAT INA - documentary film || short documentary film || dilli haat || Delhi India

नस्कार दोस्तो ,

मैं ज्योति ,आप सभी का स्वगत करती इस आर्टिकल में..दिखाए गए IMAGE से आप समझ ही गए होंगे कि मैं कहां हूं.. INA right,  क्या आप को पता है INA में एक बेहद खूबसूरत जगह है वो जगह दिल्ली हॉट है...और अगर आप इस जगह पर visit करना चाहते है तोह आप दिल्ली मेट्रो की yellow line से जुड़ कर दिल्ली हाट आ सकते है...

चलिए थोड़ा histrorical बात करते है..


दिल्ली हाट की सुरुआत सन 1994 में हुई थी.. Delhi tourism, DC handicrafts, NDMC , पर्यटक , कपड़ा मंत्रालय और भारत सरकार द्वारा मिलकर ये परियोजना की शुरुआत की गई थी...


दिल्ली हाट का निर्माण इसलिए हुआ क्योंकि बुनकर एवं काश्तकार लोग, बिचोलियों के बिना सीधे ही ग्राहकों को अपनें हस्तशिल्प बेच सके..यहां पर भारत के विभिन्नप प्रांतों के हस्तपशिल्प् को प्रदर्शित करती दुकानें हैं। यहां समय समय पर सांस्कृहतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। यहां आप नृत्यि और संगीत का भी आनंद उठा सकते हैं।

दिल्ली हाट में मिलने वाले स्वादिष्ट व्यंजन 'दिल्ली हाट' को ख़ास बनाते हैं। भारत के विभिन्न प्रांतों के व्यंजन की दुकानें यहाँ लगी हैं।

भौगोलिक रूप से विविधताओं का देश तो हिन्दुस्तान है ही यहाँ के खान-पान में भी काफ़ी विविधता है। दिल्ली हाट में देश के सौ से ज़्यादा ख़ास व्यंजन उपलब्ध हैं। पंजाब के ‘मक्के दी रोटी सरसों दा साग’ हो, बंगाल के ‘माछेर-झोल’ और दक्षिण भारत के ‘इडली डोसा’ हो यहाँ सभी उपलब्ध हैं। यहाँ बिहार के मशहूर लिट्टी-चोखा भी मिलता है।


VIDEO 




DILLI HAAT - INA (ALL IMAGE)















































Wednesday, 8 December 2021















लम्हें !!


लम्हों का क्या है??

 इसको तोह गुज़रना ही है..और सही भी है, इन लम्हो का गुज़र जाना !! 

ताकि हम नई शुरुआत कर सके...

 क्या आप कर पाते है " नई शुरुआत"..??


नई शुरुआत इसको समझना और बोलना जितना आसान है , कर पाना उतना ही मुश्किल !! और जो चीज़ मुश्किल होता है , जिंदगी में वही करना पड़ता है...क्योंकि ये जिंदगी हैं , जिसके हर मोड़ पर नई शुरआत लिखी है...हरेक शुरुआत एक नए जज़्बात के साथ शुरू होता है... और ज़िन्दगी के सारे जज़्बात का सफ़र जब पूरा हो जाता है तोह जिंदगी के अंतिम सफ़र का शुरआत होता है!! और उस अंतिम सफ़र को कहते है " अनुभव " !!!


इसलिए कहा जाता है वक़्त के साथ बदलना और भूल जाना ही बेहतर है!!


अगर आप ज़िन्दगी के एक ही मोड़ पर रहोगें और आगे नही बढ़ोगे तोह फिर आप ज़िन्दगी के साथ धोखेबाज़ी कर रहे है...


मैं समझती हूँ कि मुश्किल होता है क्योंकि जो ज़िन्दगी आप जी रहे है, वो ज़िन्दगी में भी जी रही हूँ...पर मैं कभी खुद को रोकती नही हूँ और ना खुद को खत्म करती हूं बस आगे बढ़ती चली जाती हूं सभी चीज़ो को स्वीकारते हुए!!! 


तोह आप भी आगे बढ़िए सभी को स्वीकारते हुए और नई शुरुआत कीजिए!!!




 

Thursday, 2 December 2021


 


















👉About this video👇 Urgent Meeting Play || written By : Jayvardhan || Aarambh Rangmanch theatre play #urgentmeeting #play #amazedfilms #theatre #aarambhrangmanch #jyotirai THIS SHOW PRESENT BY AARAMBH RANGMANCH DIRECTED BY : LOKESH VERMA CREDITS OF AARAMBH RANGMANCH ARTISTS Bhatnagar - raghav mishra Chaukidar- sandeep pal Ajanta - Spriha chandra Bharti- Saddam hussain Anubhav Tripathi- sooraj naman kumar- Ajay chaudhary Achal - ravi kumar Bajaj- harshit bhalla Narang- lakhan kumar Ram bharose-siddharth chandra This Hindi comedy play is written by Jayvardhan. The play is a comic satire on the futility of the endless meetings and the heavy duty politics that goes on around the round table. 👉If you like this video then do not miss like, comment and share the video. Thank you so much❤



Tuesday, 23 November 2021

 
















FULL VIDEO








#theatre #marnoparant #surendraverma #hindiplaydrama #aksharatheatre This show presened by AARAMBH RANGMANCH This Story is a realistic psychological drama written by Surendra Verma . It is based on the psychological dilemma of a husband and the lover of his wife after she gets killed in an accident. CREDITS ACT BY - AJAY CHOUDHARY & MANOJ MALIK DIRECTION BY - LOKESH VERMA Marnoparant | मरणोपरांत | BY Surendra Verma | ajay choudhary & manoj malik 👉If you like this video then VISIT OUR CHANNEL AMAZED FILMS Thank you so much❤


Tuesday, 7 September 2021


 













हर दिन के राहगीर!!!


सफ़र मैंने किया है,आप ने भी किया होगा और ये सफ़र जब तक चलेगा जब तक हमारी सांसे चलेगी!!!


हम अपने हर सफर में किसी न किसी के राहगीर होते है..कभी आप ने इन राहगीर को अनुभव किया है..यकीनन आप ने नही किया होगा..क्योकि आज के समय मे सब उलझे हुए हैं... हम इतने उलझे हुए होते है कि बस सफ़र को तय करते है उस सफ़र का आंनद नही लेते है!!!


खैर!!

सफ़र मेरा, आप का और एक मंज़िल लेकिन हम राहगीरों के मंज़िलो का उद्दयेश्य अलग-अलग और सभी उस मंज़िल को पाने के लिए अनेक तरह की लड़ाई लड़ रहे है..जिसमे से कुछ हालातो से हार कर सफ़र को तय करना बंद कर देते है...लेकिन जब हम सफ़र तय नही कर पाते है तोह लगभग हम ऐसी अवस्था मे होते जिसको समझ पाना सब की बस की बात नही है!!!


पता है!!

जो सफ़र मैं तय कर रही हूं.. उस सफ़र में कितने बार गिरी हूं और गिराने वाला कोई नही होता वो वही राहगीर होते है जिनका हाथ पकड़ कर हम एक दूसरे के मंज़िल को तय करते हैं...लेकिन मैं जब - जब गिरी हूं , मैं तब-तब नई ऊर्जा और हिम्मत के साथ खड़ी हो उठी हूं..ख़ुद को यही कह के उठाती हूँ कि " ये सांसे जब तक है, सफ़र तब-तक है"...


बस!!

इंतज़ार कर रही उस मंज़िल तक पहुँचने का और ये सफ़र खत्म होने का...


उम्मीद करती हूं कि आप को artical पसंद आया हो!!


!! THANK YOU !!








Thursday, 10 June 2021


 













How To Become Film Director ! (Film Director कैसे बनें) || Filmmaking Tutorial


अगर आप फ़िल्म director बनना चाहते है तोह ये artical आप के लिए है! तोह आप इस artical के साथ बने रहिए!


Film director बनने से पहले आप को पता होना चाहिए कि FILM किया है!!


Film एक कला है वो इसलिए क्योंकि फ़िल्म हमे एंटरटेन करती है और कला का मतलब भी एंटरटेनमेंट होता है!

जैसा कि मैंने अभी आप को बताया कि फ़िल्म एक कला है जिसे आप अभ्यास (practice) के माध्यम से प्राप्त करते हैं, जैसे dancing, panting, या singing इसे जितना अभ्यास (practice) करेंगे आप की कला उतनी निखरेगी वैसे ही आप फ़िल्म direction को जितना अभ्यास (practice) करेंगे आप की फ़िल्म उतनी निखरेगी!





Film direction कब शुरू करें!


Film डायरेक्शन शुरू करने के लिए जरूरी नही है कि आप के पास फिल्म equipment, technology और film techniques का ज्ञान हो या आप इसका ज्ञान प्राप्त करने के लिए wait न करें क्योंकि वे उन कहानियों तक नहीं ले जाएंगे जो आपको ऑडियंस को बतानी है, और न ही वे आपके अभिनेताओं को direction करने में आपकी मदद करेंगी। इसलिए आप अभी जहां हैं वहां कूदें और बस इसे करना शुरू करें।  आपको बस एक लैपटॉप की जरूरत है कंप्यूटर और एक डीएसएलआर', या यहां तक ​​​​कि सिर्फ एक स्मार्टफोन, अभी ये काम अनुभव करें।  

आप अभी direction शुरू कर सकते है वो ऐसे की हाल ही की एक घटना के बारे में सोचें या कभी ऐसा कोई घटना देखा हो जो देखते ही आप के मुह से निकला OMG! तोह आप उस घटना को shoot करके प्रस्तुत करने का प्रयास करें।    


तोह आप ऐसी films सोचिए जो आप एक या दो घंटे में शूट कर सकते है और उस फिल्म को तुरंत edit कर सकते है।कोशिश करे कि आप फ़िल्म को एक दो दिन में खत्म करें और फिर दूसरा बनाए।


हम चाहते है कि आप आगे बढ़ो, हमें खुशी होगी अब आप इस artical के पढ़ते ही एक 2 मिनट के thought पर shoot कीजिए और दो मिनट की फिल्म बनाएं।  जब आप थोड़ा और अनुभव लेकर लौटेंगे, हमे खुशी मिलेगी!


अगर इस artical के बाद आप ने कोई स्टोरी पर काम किया तोह comment करके जरूर बताइएगा!! और हां अगर आप चाहते है कि हम आप के विडीओ को प्रमोट करे तोह भी आप कमेंट कीजिए!!!