सुना है आप ने "शोर में ख़ामोशी"
क्या कहा आप ने कि मैं कैसी बात कर रही हूँ...
जी में सही बात कर रही हूँ क्योकि शोर की खामोशी में एक अजीब सा सुकून हैं...
क्या कहा आप ने कि आप ने कभी शोर में खामोशी महसूस नही की हैं..जनाब वो इसलिए क्योंकि आप ने कभी खुद के साथ वक़्त बिताया ही नही , कभी खुद के साथ वक़्त बिताइए ,आप को जरूर शोर में खामोशी मिलेंगी...
इस ब्रह्मांड में जितने एहसास है आप वो हर एहसास के फ़लक को छू सकते है बस खुद के साथ वक़्त बिता के...क्योकि आप खुद के अन्दर ही संतुष्ट होते हैं लेकिन ये बात से अवगत धरती को कोई व्यक्ति नही है...
ओह्ह हो! लगता है मैंने ज़्यादा ही अजीब बात कर दी... देखो! मेरे लिए अजीब बात नही है...मैं जानती हूं आप के लिए होगा...क्योकि आप खुद के साथ नही है ना....
मेरी बातें आप को समझ आएगी जब आप खुद के साथ वक़्त बिताएंगे...
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