Welcome to our Amazed Films Website Hello guyz!Here most amazing artical,bollywood news,songs lyrics and short movie are there....

Showing posts with label all post. Show all posts
Showing posts with label all post. Show all posts

Friday 22 December 2023


 















Documentary film ka script likhne ke liye, aapko kuch important steps follow karne honge:


Research: Apne documentary topic ko acche se research karein. Thorough knowledge hona zaroori hai.


Outline: Ek rough outline banayein, jisme aap apne documentary ke main points, themes, aur key moments ko include karein.


Introduction: Shuruwat mein audience ko film ke context mein lekar aayein. Clear introduction se audience ka interest capture karna important hai.


Characters/Interviews: Agar aap interviews include kar rahe hain, toh unke questions aur unke jawab ka format tay karein. Characters ya real-life stories ko highlight karein.


Visuals: Script mein visuals aur B-roll shots ke liye placeholders bhi include karein. Ye aapko shooting aur editing ke phase mein help karega.


Narration: Agar aap apne documentary mein voiceover use kar rahe hain, toh narration script likhein. Yeh clear, concise, aur engaging hona chahiye.


Transitions: Film ke different sections mein smooth transitions ke liye script mein transition points include karein.


Conclusion: Documentary ka conclusion kaise hoga, uske baare mein soche. Aap apne audience ko kya message dena chahte hain?


Script Formatting: Standard script formatting guidelines follow karein, taki production team ko aasani se samajh aaye.


Feedback: Apne script ko peers ya experts se review karwayein, taki aapko valuable feedback mil sake.


Remember, documentary scripts can be flexible, but having a well-structured plan is crucial.




Thursday 21 December 2023


 













Documentary film ka topic chunne ke liye, aap ye steps follow kar sakte hain:


Apne Interests: Apne interests aur passions ke baare mein sochhein. Kya aap kisi particular subject mein interested hain?


Current Issues: Samay ke anusaar chal rahe issues ko dhyan mein rakhein. Kuch aisa choose karein jo aapko personally affect karta ho ya jo society mein important ho.


Research: Internet, books, aur articles se research karein. Aapke topic par kya information available hai, isse aapko idea milega ki aap kis angle se approach karna chahte hain.


Audience: Apne documentary ki audience ka target clear karein. Aap kis tarah ke viewers ko target karna chahte hain?


Unique Perspective: Koshish karein ki aapka documentary kuch unique ho, kuch naya dikhaye, ya ek alag perspective se samjhaaye.


Feasibility: Aapke pass topic par research aur filming karne ke liye resources hain ya nahi, iska bhi dhyan rakhein.


Impact: Sochein ki aapka documentary kis tarah se viewers par impact dal sakta hai. Kya aap kisi social change ko promote karna chahte hain?


In steps ko follow karke aap ek compelling documentary topic decide kar sakte hain.




Unique Perspective: Koshish karein ki aapka documentary kuch unique ho, kuch naya dikhaye, ya ek alag perspective se samjhaaye.


Feasibility: Aapke pass topic par research aur filming karne ke liye resources hain ya nahi, iska bhi dhyan rakhein.


Impact: Sochein ki aapka documentary kis tarah se viewers par impact dal sakta hai. Kya aap kisi social change ko promote karna chahte hain?


In steps ko follow karke aap ek compelling documentary topic decide kar sakte hain.




Friday 26 May 2023


 













गिम्बल वीडियो शूट करने के लिए एक गिम्बल उपकरण का उपयोग किया जाता है। गिम्बल एक स्टेबिलाइजेशन सिस्टम है जो आपकी कैमरे को बिना कंपन के स्थिर रखने में मदद करता है और सुनिश्चित करता है कि शूटिंग के दौरान तांत्रिक पलटन और हिलावट का कमी होती है। यह वीडियो और फ़ोटोग्राफी में उच्च गुणवत्ता और सुव्यवस्थित दृश्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है।


गिम्बल को वीडियो शूट करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:


1. गिम्बल उपकरण की तैयारी: अपने गिम्बल को वीडियो शूट करने से पहले उचित तरीके से तैयार करें। यह आमतौर पर बैटरी चार्ज करने या उपकरण को समय-समय पर सेट करने को शामिल करता है।


2. कैमरा माउंट करें: अपनी वीडियो कैमरा को गिम्बल पर माउंट करें। यह आपकी कैमरे को स्थिर रखने और उसे गिम्बल सिस्टम के साथ इंटरफ़ेस करने में मदद करेगा।


3. गिम्बल का बैलेंसिंग: अपने गिम्बल को बैलेंस करें। यह उपकरण का महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि यह सुनिश्चित करेगा कि कैमरा स्थिर रहता है और आपको स्थानांतरण के दौरान बलांस नहीं खोना पड़ता है।


4. कैमरा सेटिंग्स: अपनी वीडियो कैमरे की सेटिंग्स को सही करें। यह शामिल करता है शूटिंग मोड, शटर स्पीड, आपरेचर और व्हाइट बैलेंस जैसे पैरामीटर्स को समायोजित करना।


5. गिम्बल के गतिशीलता सेटिंग्स: अपने गिम्बल के गतिशीलता सेटिंग्स को निर्धारित करें। यह आपके शूट करने के स्टाइल और आवश्यकताओं के आधार पर होगा, जैसे कि कैमरा के रोल, पैच, और यॉ एक्सिस व्यवस्था को सेट करना।


6. वीडियो की कद्रबद्धता: वीडियो की कद्रबद्धता सेट करें, जैसे 30 फ्रेम्स प्रति सेकंड (FPS) या 60 FPS। यह आपके वीडियो की चाल, सुविधाओं और इंटेंडिड उपयोग के आधार पर चुना जा सकता है।


Sunday 7 May 2023


 















फिल्म स्क्रिप्ट की शुरुआत एक विचार से होती है। विचार जो कुछ भी हो सकता है - एक कहानी, एक स्थिति, एक विषय या एक विचार। इसलिए, अगर आप फिल्म स्क्रिप्ट के लिए एक विचार खोजना चाहते हैं, तो निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:


1. खुद को इंस्पायर करें: आप अपनी आस-पास घटित होने वाली घटनाओं, अपनी जिंदगी के अनुभवों, आपके पसंदीदा फिल्मों या टीवी शो से प्रेरणा ले सकते हैं।


2. समाचार का अध्ययन करें: समाचार आपको वर्तमान समय के विषयों के बारे में जानकारी देता है जो फिल्म या टीवी शो के लिए एक विचार के रूप में उपयोगी हो सकते हैं।


3. विचारों का संग्रह करें: जब आप एक विचार के बारे में सोचते हो, तो उसे नोट डाउन करें या अपने फोन में रिकॉर्ड करें। फिर उन सभी विचारों को संग्रहित करें जिन्हें आप फिल्म स्क्रिप्ट के लिए उपयोगी समझते हैं।


4. एक सार्वजनिक स्थान पर ध्यान केंद्रित करें: कई बार आपको फिल्म स्क्रिप्ट idea वंही से मिलेगा।

Saturday 6 May 2023


Krishn bhagwaan














कृष्ण जी हिंदू धर्म के एक महान आध्यात्मिक गुरु थे जिन्होंने महाभारत काल में अर्जुन को गीता के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान दिया था। वे उन्होंने अपने जीवन में अनेक उपदेश दिए थे, जो कलयुग में भी बहुत महत्वपूर्ण हैं।


प्रथम उपदेश है धर्म के अनुसार कर्म करना। कृष्ण जी ने बताया कि हमें अपने कर्तव्यों को अच्छी तरह से करना चाहिए और इसके लिए हमें कर्म के फल से आसक्त नहीं होना चाहिए। यह उन्हें कर्मयोग के सिद्धांत का दृष्टिकोण देता है।


दूसरा उपदेश है सच्चे और निस्स्वार्थ प्रेम का महत्व समझना। कृष्ण जी ने बताया कि सच्चा प्रेम भगवान के प्रति होना चाहिए और हमें अपने आप से ज्यादा दूसरों के लिए सोचना चाहिए।


तीसरा उपदेश है अहंकार का त्याग करना। कृष्ण जी ने बताया कि अहंकार हमें समस्याओं में डाल सकता है और इसलिए हमें अहंकार को त्याग करना चाहिए।


कृष्ण जी के चौथे उपदेश में संतोष का महत्व बताया गया है। यह उनके कलयुग में दिए गए उपदेशों में से एक है जो आज भी बहुत महत्वपूर्ण है।


कृष्ण जी ने संतोष को वह स्थिति बताया है जहाँ हम अपने जीवन में हमेशा शांति और संतुष्टि का अनुभव करते हैं। यह स्थिति उन्हें कलयुग में सबसे उच्च आध्यात्मिक स्थिति मानी गई है।


इस उपदेश के अनुसार, हमें अपने जीवन में संतोष की तलाश करनी चाहिए और हमेशा उस चीज के लिए प्रयास करना चाहिए जो हमें खुशी देती है। यह हमें आनंद और समृद्धि का अनुभव करने में मदद करेगा।


कृष्ण जी ने संतोष को धन, सम्मान और इस तरह की सामग्री से नहीं जोड़ा, वे बताते हैं कि संतोष मन की शांति से आता है। वे यह भी बताते हैं कि संतोष के बिना दूसरे आध्यात्मिक स्थितियों जैसे शांति, समझ और ध्यान का अनुभव नहीं हो सकता।


इसलिए, कृष्ण जी का यह उपदेश कल युग के सभी लोगों के लिए लाभदायक हो सकता हैं!!!

Tuesday 2 May 2023


 














बॉलीवुड की पहली हीरोइन राजेश्वरी सुब्बाराव प्रधान (Rajshree Subhash) थीं। वे 1964 में रिलीज हुई फिल्म 'जन्मजात' (Janwar) के साथ बॉलीवुड में अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत की थीं।


राजेश्वरी सुब्बाराव प्रधान 1950 के दशक में भारत में पैदा हुईं थीं और उन्होंने एक मुंबई आधारित संस्कृति और कला के परिवार में जन्म ली थी। उन्होंने फिल्म करियर की शुरुआत बालगाथा फिल्म 'जन्मजात' में शामिल होकर की। इस फिल्म में उनके साथ शामिल थे जाने-माने अभिनेता शम्मी कपूर और माधुबाला। उन्होंने फिल्म में शामिल होने से पहले थिएटर में काम किया था।


राजेश्वरी ने फिल्मों के साथ कुछ समय बिताया, लेकिन बाद में वे अपने अभिनय करियर से सन्न थीं। वे अपने पति और बच्चों की देखभाल के लिए समय देने लगीं थीं। लेकिन बॉलीवुड में उनकी यादगार एक्टिंग प्रदर्शन आज भी लोगों के दिलों में जीवित है।


Thursday 27 April 2023


 











The song of scorpions movie 2023 - Cast , Release Date & Review


अभिनेता इरफान खान की आखिरी हिंदी फिल्म द सॉन्ग ऑफ स्कॉर्पियन्स 28 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। अप्रैल 2020 में न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से लंबी लड़ाई के बाद खान का निधन हो गया।


खान, जो मुख्यधारा के बॉलीवुड से पहले नए जमाने के हिंदी सिनेमा का चेहरा थे, उन्हें मामूली बजट वाली स्मार्ट फिल्मों के लिए याद किया जाता है, जो 2000 के दशक के मध्य से शुरू होने वाले सबसे कम बाजार भाजक को पूरा नहीं करती थीं। इनमें हासिल (2003), मकबूल (2004), लाइफ... इन ए मेट्रो (2007), पान सिंह तोमर (2011) और द लंचबॉक्स (2013) शामिल हैं, जिसमें उन्होंने द वारियर (2001) जैसी लोकप्रिय अंतरराष्ट्रीय फिल्मों के साथ काम किया। , द नेमसेक (2007), स्लमडॉग मिलियनेयर और लाइफ ऑफ पाई (2012)।


खान 2018 से ट्यूमर से जूझ रहे थे, जब उन्होंने लंदन में व्यापक उपचार की मांग की। वह फरवरी 2019 में कॉमेडी-ड्रामा अंग्रेजी मीडियम की शूटिंग के लिए लौटे। यह फिल्म न केवल उनकी अंतिम सिल्वर स्क्रीन आउटिंग थी, बल्कि भारतीय दर्शकों के लिए सीज़न की आखिरी नाटकीय रिलीज़ भी थी, 2020 में मार्च के मध्य में रिलीज़ ने कोरोनोवायरस-प्रेरित लॉकडाउन को मूंछ से हरा दिया।


खान ने मीरा नायर के नाटक सलाम बॉम्बे में एक छोटी सी भूमिका के साथ अपनी फिल्म की शुरुआत की थी! (1988), जिसके बाद वर्षों का संघर्ष हुआ। उन्होंने भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान की कुछ छात्र फिल्मों में अभिनय किया। ब्रिटिश फिल्म द वारियर (2001) में अभिनय करने के बाद, उन्होंने हासिल (2003) और मकबूल (2004) नाटकों में भूमिकाएं निभाईं।


कहा जाता है कि खान हासिल और मकबूल में अपने दम पर छोटे-छोटे ग्रे किरदार निभाते आए हैं। 2011 की इसी नाम की फिल्म में दस्यु पान सिंह तोमर की भूमिका निभाने के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी बहुमुखी प्रतिभा के लिए, उन्हें द अमेजिंग स्पाइडर-मैन (2012), जुरासिक वर्ल्ड (2015) और इन्फर्नो (2016) जैसे बड़े बजट की हॉलीवुड फिल्मों के लिए चुना गया था।


2011 में, खान को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।








Wednesday 26 April 2023

 















फ़िल्म किसी का भाई ,किसी की जान रिलीस हो गई है लेकिन फ़िल्म देखने के बाद ये समझना मुश्किल है कि किसका भाई और किसकी जान...

अगर आप ने ये फ़िल्म देखी है तोह कमेंट करके बताइये कि किसका भाई और किसकी जान...


सलमान खान की फिल्मों का मकसद कुल-मिलाकर एक ही होता है और वो है फैमिली एंटरटेनमेंट. सलमान भाई अपने परिवार के करीब हैं और अपने फैंस को उनके परिवार के करीब लाना चाहते है. तभी वो मसाला के साथ-साथ फैमिली एंटरटेनर फिल्में बनाते है. यही कोशिश उन्होंने एक बार फिर अपनी नई फिल्म 'किसी का भाई किसी की जान' से की है. चार सालों के बाद सलमान खान बड़े पर्दे पर नजर आए हैं.


खैर फ़िल्म की कहानी की बात करे तोह ऑडियंस फ़िल्म के एक scene देख कर दूसरा scene बता सकते है कि अब क्या होने वाला हैं... इसका कारण ये हैं कि ये फ़िल्म पता नही कितने फिल्मो का रेमिक है...इसके बाद भी अगर आप फ़िल्म देखने जाना चाहते है तोह जा सकते है...



अब हम बात करते hai अब तक इस movie ने कितना कॉलकेक्श कर लिया .. 


दिन कमाई

शुक्रवार 13.75 करोड़ रुपये

शनिवार 24 करोड़ रुपये

रविवार 24.50 करोड़ रुपये

सोमवार 9.50 करोड़ रुपये

कुल कमाई 71.75 करोड़ रुपये


यह फिल्म की जगह सलमान खान का ही जादू है, जिसके लिए टिकट खिड़की पर भीड़ नजर आ रही है। क्योंकि फरहाद सामजी के डायरेक्‍शन में बनी इस फिल्‍म को क्रिटिक्स और सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर फिल्म और इसकी कहानी को लोगों ने रिजेक्ट कर दिया था। लेकिन ये सलमान का चार्म ही है, जो लोगों को सिनेमाघरों तक खींच रहा है...








Thursday 30 March 2023


 















What's the difference between filmmaking and cinematographer..


Filmmaking vs cinematography


अगर आप filmmaking करते है या cinematography करते है ,तोह आप को कभी न कभी ये सवाल आप के ज़हन में जरूर आया होगा कि filmmaking और cinematography में क्या अंतर है...हालाँकि दोनों फिल्म से संबंधित भूमिकाएँ हैं, फिर भी एक अलग अंतर है...



सीधे शब्दों में कहे तोह filmmaking, फ़िल्म के throw (माध्यम) से कहानी कहने की कला है...वही दूसरी तरफ cinematography ,filmmaking process का एक हिस्सा है और इसमें visual adds, lighting and camera equipment के uses (उपयोग) के throw से motion picture को capture करना होता है...


Filmmaker के visualisation बेहद strong होते है और एक filmmaker अपना अधिकांश समय writing और direction को देता है... directors के दिमाग में एक दुनिया होता है जिसे वो cinema के जरिए दुनिया के साथ share करते है... 


*अब हम बात करते है cinematography एंड filmmaking के skills and education में क्या अंतर है...

तोह सबसे पहले cinematography के skills and education की बात करते है...


सिनेमैटोग्राफरों के पास एक creative mind और strong sense की एक art होनी चाहिए, ताकि वे imagine कर सकें कि final image कैसी दिखेगी। उन्हें कैमरा ऑपरेशन, लाइटिंग की  knowledge होना चाहिए।



उन्हें फिल्म के लिए director के vision को समझना चाहिए और यह पता लगाना चाहिए कि कौन से techniques को apply करना चाहिए जिससे movie के scene को strong bana सके... Cinematographers को bachelors degree लेना चाहिए ताकि वो professionally काम करे...bachelors degree लेने के बाद as an intern काम करे और अपने सीखे skills को apply करे then आप professionally इस field में as an cinematographer job कर सकते हैं..


Filmmaking के skills and education की बात करते है...


निर्माता और निर्देशकों सहित फिल्म निर्माता स्क्रीन पर और पीछे दोनों जगह फिल्म के निर्माण में जाने वाले हर तत्व की देखरेख के लिए जिम्मेदार हैं। निर्माता फिल्म के वित्तपोषण पर काम करते हैं, और परियोजना के सभी व्यावसायिक और संगठनात्मक पहलुओं का प्रबंधन करते हैं। वे डायरेक्टर को हायर भी करते हैं।



निर्माता और निर्देशक मिलकर स्क्रिप्ट को अंतिम रूप देते हैं और फिल्म के लुक और टोन को तय करते हैं। वे शेड्यूल, बजट, कास्ट और क्रू के बारे में निर्णय लेते हैं। निर्देशक कलाकारों और सिनेमैटोग्राफर के साथ मिलकर काम करते हैं ताकि स्क्रीनप्ले की उनकी व्याख्या जीवंत हो सके। फिल्म निर्माता परियोजना के बारे में हर विवरण के बारे में अंतिम निर्णय लेते हैं।








Tuesday 14 February 2023


 















मंडी हाउस...

इस जगह का महत्व वही बात सकता है, जिसने इस जगह को जिया है...और इस जगह पर जीने वाले लोग सिर्फ दिल्ली के नही है बल्कि हिंदुस्तान के कोने-कोने के लोग है...

अगर आप को दिल्ली में कलाकारों की भीड़ देखनी है तोह आप मंडी हाउस आ सकते हो...

इंडस्ट्री में जो भी महान कलाकार है उनका इस जगह से गहरा रिस्ता है और हो भी क्यो ना क्योकि आखिरकार यंहा NSD है..NSD वो जगह है जंहा हिंदुस्तान के कोने कोने के लोग रंगमंच का प्रशिक्षण लेने आते है...NSD ने हिंदुस्तान को उम्दा कलाकार दिए हैं...


क्या आप को पता है यंहा पर हर साल भारत रंग महोत्सव सेलिब्रेट किया जाता है...


इस सेलिब्रेशन को कलाकार ही नही बल्कि सभी लोग एन्जॉय करते है और एन्जॉय करे भी क्यो न क्योकि आप को इस महोत्सव में बहुत कुछ देखने को मिलेगा....


तोह अब हम आप को "22वां भारत रंग महोत्सव"  की पूरी जानकारी देंगे....


नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा का ‘भारत रंग महोत्सव’ इस बार सिर्फ 12 दिन का होगा...और दिल्ली में ये महोत्सव 14 से 23 फरवरी तक होगा...इस महोत्सव में कई शो सम्मलित है और सभी शो

ओपन एयर- एनएसडी, श्रीराम सेंटर, एलटीजी, कमानी ऑडिटोरिम (मंडी हाउस) में होगा और ये सभी शो  "5, 6, 6:30,7" बजे होगा....अगर आप इन शो का लुफ्त उठाना चाहते है तो आप एडवांस में बुक माई शो से बुकिंग कर सकते है...


 दिल्ली के रंगमंच प्रेमी 33 नाटक देख सकेंगे...

वैसे तोह हर साल देशी नाटक के साथ - साथ विदेशी नाटक होते थे लेकिन इस बार रंगमंच के इस इंटरनैशनल फेस्टिवल में विदेशी नाटक नहीं होंगे क्योकि कोविड की वजह से विदेशी नाटक कंपनियों को आमंत्रित करने की प्रक्रिया नहीं हो पाई।

 

इस बात के रंग महोत्सव के लिए रंगमंच प्रेमी इसलिय भी एक्ससिटेड है क्योकि कोविड के दो साल वापसी कर रहे भारत रंग महोत्सव....



22वां भारत रंग महोत्सव दिल्ली के अलावा नासिक, जयपुर, राजमुंदरी, भोपाल, जम्मू, श्रीनगर, गुवाहाटी, रांची और केवड़िया में होगा....



 इस भारत रंग महोत्सव में पुस्तक विमोचन, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी, लिविंग लेजेंड, मास्टर क्लासेज, मीट द डायरेक्टर जैसे इवेंट और नए फोक टैलेंट और 10 पारंपरिक प्रस्तुति भी फेस्ट के मंच पर होंगे...


तोह उम्मीद करती हूं कि आप को ये सारी जानकारी पसंद आया हो...

शुक्रिया





Thursday 9 February 2023


 















ज़िन्दगी में आप को किस चीज की तलाश है??


ज्यादा तर लोगो का क्या जवाब होगा ? यही की घर पैसा , गाड़ी या प्यार लेकिन आप को पता है, हकिक़त में हमे इन सभी चीजों की तलाश नही होती है, ये सब तोह बस ज़िन्दगी के लिए जरूरी है या कह सके तोह हमारी जरूरत है..


"आप को पता है ज़रूरत कभी आप की तलाश नही हो सकती है..."

लेकिन कोई इस बात को समझता ही नही है...इस दुनिया मे लोगो को लगता है जरूरत ही तलाश है...

लेकिन हकिकत ये है कि जरूरत एक लालच हैं और लालच कभी खत्म नही होता है... कभी सोचा आप ने कि एक्चुअल में आप किसकी तलाश में है..?

यकीनन नही सोचा होगा क्योंकि हम अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए भाग रहे...

इस दुनिया के परे भी एक दुनिया है, जंहा जरूरत और लालच नही है....

"पता है वो आप कि खुद की दुनिया है"...

आप खुद के साथ संतुष्ट रह सकते है..

खुश रह सकते है..

आप खुद के साथ शांत रह सकते है...आखिर हमें ज़िन्दगी के अंत मे क्या चाहिए शांति और सुकूनयत.. ये शांति और सुकूनयत आप को पैसा और गाड़ी या इस दुनिया की चकाचौन्द नही दे सकता है...


आप के अंदर एक दुनिया बस्ती है और ब्रह्मांड बस्ता है ,क्योंकि हम उन्ही के अंश है जो दुनिया और ब्रह्मांड को चलाता है...और जब हमारे अंदर पूरा ब्रह्मांड है तोह क्यो चाहिए पैसा और गाड़ी... हम क्यों नही समझते कि हमारा कर्म ही पैसा और गाड़ी है...हम क्यों नही समझते कि हम अपने अंदर ही संतुष्ट और शांत है....


आखिर क्यों?क्यो?

सोचो आप.....




Thank You @jyotirai


Thursday 19 January 2023


 
















सुना है आप ने "शोर में ख़ामोशी" 

क्या कहा आप ने कि मैं कैसी बात कर रही हूँ...


जी में सही बात कर रही हूँ क्योकि शोर की खामोशी में एक अजीब सा सुकून हैं...

क्या कहा आप ने कि आप ने कभी शोर में खामोशी महसूस नही की हैं..जनाब वो इसलिए क्योंकि आप ने कभी खुद के साथ वक़्त बिताया ही नही , कभी खुद के साथ वक़्त बिताइए ,आप को जरूर शोर में खामोशी मिलेंगी...


इस ब्रह्मांड में जितने एहसास है आप वो हर एहसास के फ़लक को छू सकते है बस खुद के साथ वक़्त बिता के...क्योकि आप खुद के अन्दर ही संतुष्ट होते हैं लेकिन ये बात से अवगत धरती को कोई व्यक्ति नही है...


ओह्ह हो! लगता है मैंने ज़्यादा ही अजीब बात कर दी... देखो! मेरे लिए अजीब बात नही है...मैं जानती हूं आप के लिए होगा...क्योकि आप खुद के साथ नही है ना....

मेरी बातें आप को समझ आएगी जब आप खुद के साथ वक़्त बिताएंगे...






Tuesday 29 March 2022

 







 







 


मैं और मेरे ख्याल !!



लिख रही हूँ !! 

लिखते - लिखते कहां जाउंगी नहीं पता... खैर मैं जंहा भी जाऊं, आप भी चलिए मेरे साथ.. क्या पता आप को अच्छा लगें मेरे साथ..


आप को पता है मैं बहुत मुश्किल ही किसी में खुद को देखती हूँ.. कोई दिखा है , जो हु-बा-हु मुझ सा है..लेकिन मैं उससे दूर ही रहना चाहती हूँ...पता है क्यों ? क्योंकि मुझ को मुझ से ही डर लगता हैं और ख़ुद को उस डर से बहुत मुश्किल से निकाला है..उस डर में खुद को देखना मुश्किल है मेरे लिए!!


ओह्ह हो!! मैं भी क्या बात कर रही हूँ...

शिर्फ़ मेरी, अब बात करते है हमारी क्योकि आप भी मेरे साथ हैं.. मैं आप को कैसे छोर सकती हूँ..


आप को पता है आप हमेशा मेरे साथ रहते हो..मैं कभी अकेले रही ही नहीं.. आप को नही आप कौन हैं? आप मेरे ख्याल है..आप मेरे हर जज़्बात में शामिल रहे हैं... जीतना आप मुझे जानते हो , उतना तोह शायद ही मुझे कोई जानता होगा...और शायद ही मुझे कोई जान सके...


मुझे  आप के साथ रहना और वक़्त बिताना बेहद पसंद हैं...


देखा मैंने कहा था न ,मैं लिखते-लिखते कहीं भी चली जाती हूँ... और मैं जंहा भी जाती हूँ मुझे बहुत मज़ा आता है!!


खैर यही खत्म करते है...

आज की artical में मस्त बात क्या है पता है ? आज में ज्ञान नही दे रही हूँ !! 😅


Thursday 24 March 2022


















Assistant Director ka kya kaam hota hai || what does ASSISTANT DIRECTOR do in films || FILMMAKING


आज का टॉपिक बेहद interesting है क्योकि आज मैआप को बताने वाली हूँ कि असिस्टेंट डायरेक्टर का क्या काम होता है ,अगर आप को जानना है की असिस्टेंट डायरेक्टर का क्या काम होता है तोह आप इस आर्टिकल के साथ बने रह सकते है...


ASSISTANT DIRECTOR का फिल्म में क्या काम होता है  :


*पहला काम होता है 
फिल्म डायरेक्टर के GUIDE LINE को FOLLOW करना ||

*दूसरा काम होता है 
ARTIST AND CREW के HEALTH OR SAFTEY का धयान रखना ||

*तीसरा काम होता है 
फिल्म डायरेक्टर का CALL SHEET तैयार करना 

*चौथा काम होता है 
फिल्म डायरेक्टर को UPDATE करना ||


जब फिल्म बड़े बजट की बन रही होती है तोह उसमे एक नहीं कई सरे असिस्टेंट डायरेक्टर होते है ||

* ये असिस्टेंट डायरेक्टर कुछ इस तरह से होते है :

- FIRST ASSISTANT DIRECTOR

- SECOND ASSISTANT DIRECTOR

- SECOND SECOND ASSISTANT DIRECTOR

- THIRD ASSISTANT DIRECTOR

- ADDITIONAL ASSISTANT DIRECTOR


ये सभी असिस्टेंट डायरेक्टर एक दुसरे से कोआर्डिनेट करते है और एक दुसरे को अपडेट करते है और जो असिस्टेंट डायरेक्टर होता है वो सभी ASSISTANT DIRECTOR से कोर्दिनाते करते है और FILM डायरेक्टर को अपडेट करते है ||


अगर आप को ASSISTANT DIRECTOR बनना है तोह आप किसी  भी FILM ISNTITUDE में ADMISSION करवा का फिल्म TECHNIQUE को सिख सकते है || फिल्म TECHNIQUE सिखने के बाद आप किसी भी फिल्म डायरेक्टर को असिस्ट कर सकते है || जब आप को लगे की आप ACHHE से फिल्म बनाना सिख गए है तोह आप अपनी फिल्म बना कर फिल्म डायरेक्टर बन सकते है ||


THANK YOU 


Saturday 12 March 2022


 















Movie ( HINDI ) || Movie kya hota hai || movie kya hai || What Is a Movie? || Filmmaking


आज का topic बेहद interesting है वो इसलिए क्योंकि आज मैं बात करने वाली हूँ कि " movie क्या है "..I mean हम रेगुलर life में movie देखते है और खुद को entertain करते है..लेकिन अगर आप से कोई पूछे कि movie क्या है तोह शायद ही बता पाए कि movie क्या है??


तोह चलिए हम बात करते हैं कि मूवी क्या है..movie कहानी दर्शाती है 

जैसे किताबे कहानी दर्शाती है..बस फर्क इतना है कि किताबो की कहानियां शब्दो के रूप में दर्शायी जाती है और मूवी में कहानियां विसुअली दर्शाई जाती है..पूरी दुनिया मे लोगो को ये medium बेहद पसंद है : जिस तकर से movie में कहानियां दर्शाई जाती है।।।


जब हम theatre में मूवी देखने जाते है तो मूवी को विसुअल्ली effect directoe देता है..तोह हम कह सकते है कि मूवी का storyteller  डायरेक्टर होता है..जो charge करता है कि story को किस तरह से फिल्माया जा सकता है...जब audience मूवी देखती है तोह वह क्या feel करती है sad , amused, bored, scared ये सब एक डायरेक्टर का विज़न होता है...

साथ ही मूवी में actor अपने charactor को portray करते है...


 किताबो की कहानियों में हम किसी भी जगह और universe में enter ककर सकते और more no of charactor के साथ खेल सकते है...लेकिन जब movie बनाई जाती है तोह कई तरह की बधाई उत्पन्न होती है जैसे:

*Weather के according काम करना होता है

*No. Of character होता हैं..

*available space में ही काम करना होता है

*money के according ही props, costume , special lighting, sounds or camera equipment का इस्तेमाल किया जाता है...


तोह movie banate वक़्त काफ़ी problems आते हैं जिसे solve करते हुए काम करना होता है...


उम्मीद करती हूँ कि आप को ये artical pasand आया हो!!













Tuesday 8 March 2022


 














women's day : महिलाओं का संघर्ष !!


देश स्वतंत्र हो गया लेकिन महिलाये अभी तक स्वतंत्र नहीं हुई वो अभी भी  गुलाम है शादी से पहले माँ बाप के घर में शादी के बाद ससुराल में । जब जब महिलाओ ने आजादी की मांग की है ,तब तब उनको संघर्ष का सामना करना पड़ा है ,बिना संघर्ष महिलाओ को कुछ नहीं मिला यदि आज के कल युग में महिलाएं आगे है ,तो शिर्फ और शिर्फ अपने संघर्ष की वजह से ,उन सारी महिलाओ को सलाम जो इतिहास में अपने संघर्ष से नारी सक्ति को वयक्त की है।


आज के समय में लड़कियों को पढ़ने की आजादी मिल गई है लेकिन नॉकरी की आजादी नही मिली अभी भी ,लड़कियों को आजादी से बाहर घूमने की आजादी नहीं है क्योकि बाहर कुछ दरिन्दे है जो आजाद लड़कियों को देख हमला कर देते है ताकि वो आजाद न हो सके । 


इस देश के अजीब लोग है पुरे साल औरतो को सम्मान नहीं देंगे और एक दिन में ( woman's day ) पुरे साल का सम्मान दे देंगे । मुझे तो समझ नहीं आता क्यों बनाना पड़ता है womans day ? इतना पीछे है लोगो की सोच महिलाओ के प्रति जो जागरूक कराने के लिए डे की आवश्यक्ता है । वक़्त आगे बढ़ रहा है सोच को कब आगे बढ़ाओगे । महिलाये आगे बढ़ेगी तो समाज और हमारा भारत देश आगे बढ़ेगा ।





Saturday 5 March 2022

 








DILLI HAAT INA - documentary film || short documentary film || dilli haat || Delhi India

नस्कार दोस्तो ,

मैं ज्योति ,आप सभी का स्वगत करती इस आर्टिकल में..दिखाए गए IMAGE से आप समझ ही गए होंगे कि मैं कहां हूं.. INA right,  क्या आप को पता है INA में एक बेहद खूबसूरत जगह है वो जगह दिल्ली हॉट है...और अगर आप इस जगह पर visit करना चाहते है तोह आप दिल्ली मेट्रो की yellow line से जुड़ कर दिल्ली हाट आ सकते है...

चलिए थोड़ा histrorical बात करते है..


दिल्ली हाट की सुरुआत सन 1994 में हुई थी.. Delhi tourism, DC handicrafts, NDMC , पर्यटक , कपड़ा मंत्रालय और भारत सरकार द्वारा मिलकर ये परियोजना की शुरुआत की गई थी...


दिल्ली हाट का निर्माण इसलिए हुआ क्योंकि बुनकर एवं काश्तकार लोग, बिचोलियों के बिना सीधे ही ग्राहकों को अपनें हस्तशिल्प बेच सके..यहां पर भारत के विभिन्नप प्रांतों के हस्तपशिल्प् को प्रदर्शित करती दुकानें हैं। यहां समय समय पर सांस्कृहतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। यहां आप नृत्यि और संगीत का भी आनंद उठा सकते हैं।

दिल्ली हाट में मिलने वाले स्वादिष्ट व्यंजन 'दिल्ली हाट' को ख़ास बनाते हैं। भारत के विभिन्न प्रांतों के व्यंजन की दुकानें यहाँ लगी हैं।

भौगोलिक रूप से विविधताओं का देश तो हिन्दुस्तान है ही यहाँ के खान-पान में भी काफ़ी विविधता है। दिल्ली हाट में देश के सौ से ज़्यादा ख़ास व्यंजन उपलब्ध हैं। पंजाब के ‘मक्के दी रोटी सरसों दा साग’ हो, बंगाल के ‘माछेर-झोल’ और दक्षिण भारत के ‘इडली डोसा’ हो यहाँ सभी उपलब्ध हैं। यहाँ बिहार के मशहूर लिट्टी-चोखा भी मिलता है।


VIDEO 




DILLI HAAT - INA (ALL IMAGE)















































Tuesday 1 March 2022


 








WELCOME TO OUR YOUTUBE CHANNEL 👉About this video👇 suspense background music - no copyright || suspense sound effect || suspense music #suspense #suspensethriller #suspensestories #suspensemusic #nocopyright #backgroundmusic #backgroundsound #freemusic Discover incredible free sound effects from our growing audio library to use in your next video editing project. All sound clips are royalty-free and can be used without attribution, plus no sign up is required. Our free sound effects license means you can use these sounds in both commercial and personal projects. short film,short movie,hindi short films,new short film,award winning short films,amazedfilms,amazed films,heart touching short film, new short movie,amazed film production,amazedfilmproduction,AMAZED FILM PRODUCTION,AMAZEDFILMPRODUCTION,interestingvideo,no copyright sound,sound effect, 👉If you like this video then do not miss like, comment and share . .................................................... 👉Our social media link 👇 Website https://amazedfilms.blogspot.com Facebook page https://www.facebook.com/Amazed-Films... Instagram link https://www.instagram.com/amazed_films/ twitter https://mobile.twitter.com/AmazedFilm... ◆Email amazedfilm@gmail.com jyotisis494@gmail.com ◆Like, comment & share your opinion to improve our work. Channel👇 Amazed films #nocopyright #nocopyrightsound #soundeffect #nocopyrightmusic #interestingvideo #theatreplay #filmscriptwriting #scriptwriting #albumsong #amazedfilms #AMAZEDFILMS #shortfilms #shortmovies #jyotirai Copyright disclaimer these video clips and the song do not belong to me. I do not own any of the soundtrack. like this video was made for pure entertainment purpose. These copyright belong to its rightful owners. All credits and rights go to right full owner: No copyright infringement & no Commercial benefits intended! Copyright disclainmer under section 107 of the copyright act 1976 allowance is made for fair use for purposes such as criticism, comment news reporting, teaching, scholarship and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non profit education or personal use is in favour of fair use. ....................................End..................................