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Friday 22 December 2023


 















Documentary film ka script likhne ke liye, aapko kuch important steps follow karne honge:


Research: Apne documentary topic ko acche se research karein. Thorough knowledge hona zaroori hai.


Outline: Ek rough outline banayein, jisme aap apne documentary ke main points, themes, aur key moments ko include karein.


Introduction: Shuruwat mein audience ko film ke context mein lekar aayein. Clear introduction se audience ka interest capture karna important hai.


Characters/Interviews: Agar aap interviews include kar rahe hain, toh unke questions aur unke jawab ka format tay karein. Characters ya real-life stories ko highlight karein.


Visuals: Script mein visuals aur B-roll shots ke liye placeholders bhi include karein. Ye aapko shooting aur editing ke phase mein help karega.


Narration: Agar aap apne documentary mein voiceover use kar rahe hain, toh narration script likhein. Yeh clear, concise, aur engaging hona chahiye.


Transitions: Film ke different sections mein smooth transitions ke liye script mein transition points include karein.


Conclusion: Documentary ka conclusion kaise hoga, uske baare mein soche. Aap apne audience ko kya message dena chahte hain?


Script Formatting: Standard script formatting guidelines follow karein, taki production team ko aasani se samajh aaye.


Feedback: Apne script ko peers ya experts se review karwayein, taki aapko valuable feedback mil sake.


Remember, documentary scripts can be flexible, but having a well-structured plan is crucial.




Thursday 21 December 2023


 













Documentary film ka topic chunne ke liye, aap ye steps follow kar sakte hain:


Apne Interests: Apne interests aur passions ke baare mein sochhein. Kya aap kisi particular subject mein interested hain?


Current Issues: Samay ke anusaar chal rahe issues ko dhyan mein rakhein. Kuch aisa choose karein jo aapko personally affect karta ho ya jo society mein important ho.


Research: Internet, books, aur articles se research karein. Aapke topic par kya information available hai, isse aapko idea milega ki aap kis angle se approach karna chahte hain.


Audience: Apne documentary ki audience ka target clear karein. Aap kis tarah ke viewers ko target karna chahte hain?


Unique Perspective: Koshish karein ki aapka documentary kuch unique ho, kuch naya dikhaye, ya ek alag perspective se samjhaaye.


Feasibility: Aapke pass topic par research aur filming karne ke liye resources hain ya nahi, iska bhi dhyan rakhein.


Impact: Sochein ki aapka documentary kis tarah se viewers par impact dal sakta hai. Kya aap kisi social change ko promote karna chahte hain?


In steps ko follow karke aap ek compelling documentary topic decide kar sakte hain.




Unique Perspective: Koshish karein ki aapka documentary kuch unique ho, kuch naya dikhaye, ya ek alag perspective se samjhaaye.


Feasibility: Aapke pass topic par research aur filming karne ke liye resources hain ya nahi, iska bhi dhyan rakhein.


Impact: Sochein ki aapka documentary kis tarah se viewers par impact dal sakta hai. Kya aap kisi social change ko promote karna chahte hain?


In steps ko follow karke aap ek compelling documentary topic decide kar sakte hain.




Friday 26 May 2023


 













गिम्बल वीडियो शूट करने के लिए एक गिम्बल उपकरण का उपयोग किया जाता है। गिम्बल एक स्टेबिलाइजेशन सिस्टम है जो आपकी कैमरे को बिना कंपन के स्थिर रखने में मदद करता है और सुनिश्चित करता है कि शूटिंग के दौरान तांत्रिक पलटन और हिलावट का कमी होती है। यह वीडियो और फ़ोटोग्राफी में उच्च गुणवत्ता और सुव्यवस्थित दृश्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है।


गिम्बल को वीडियो शूट करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:


1. गिम्बल उपकरण की तैयारी: अपने गिम्बल को वीडियो शूट करने से पहले उचित तरीके से तैयार करें। यह आमतौर पर बैटरी चार्ज करने या उपकरण को समय-समय पर सेट करने को शामिल करता है।


2. कैमरा माउंट करें: अपनी वीडियो कैमरा को गिम्बल पर माउंट करें। यह आपकी कैमरे को स्थिर रखने और उसे गिम्बल सिस्टम के साथ इंटरफ़ेस करने में मदद करेगा।


3. गिम्बल का बैलेंसिंग: अपने गिम्बल को बैलेंस करें। यह उपकरण का महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि यह सुनिश्चित करेगा कि कैमरा स्थिर रहता है और आपको स्थानांतरण के दौरान बलांस नहीं खोना पड़ता है।


4. कैमरा सेटिंग्स: अपनी वीडियो कैमरे की सेटिंग्स को सही करें। यह शामिल करता है शूटिंग मोड, शटर स्पीड, आपरेचर और व्हाइट बैलेंस जैसे पैरामीटर्स को समायोजित करना।


5. गिम्बल के गतिशीलता सेटिंग्स: अपने गिम्बल के गतिशीलता सेटिंग्स को निर्धारित करें। यह आपके शूट करने के स्टाइल और आवश्यकताओं के आधार पर होगा, जैसे कि कैमरा के रोल, पैच, और यॉ एक्सिस व्यवस्था को सेट करना।


6. वीडियो की कद्रबद्धता: वीडियो की कद्रबद्धता सेट करें, जैसे 30 फ्रेम्स प्रति सेकंड (FPS) या 60 FPS। यह आपके वीडियो की चाल, सुविधाओं और इंटेंडिड उपयोग के आधार पर चुना जा सकता है।


Sunday 7 May 2023


 















फिल्म स्क्रिप्ट की शुरुआत एक विचार से होती है। विचार जो कुछ भी हो सकता है - एक कहानी, एक स्थिति, एक विषय या एक विचार। इसलिए, अगर आप फिल्म स्क्रिप्ट के लिए एक विचार खोजना चाहते हैं, तो निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:


1. खुद को इंस्पायर करें: आप अपनी आस-पास घटित होने वाली घटनाओं, अपनी जिंदगी के अनुभवों, आपके पसंदीदा फिल्मों या टीवी शो से प्रेरणा ले सकते हैं।


2. समाचार का अध्ययन करें: समाचार आपको वर्तमान समय के विषयों के बारे में जानकारी देता है जो फिल्म या टीवी शो के लिए एक विचार के रूप में उपयोगी हो सकते हैं।


3. विचारों का संग्रह करें: जब आप एक विचार के बारे में सोचते हो, तो उसे नोट डाउन करें या अपने फोन में रिकॉर्ड करें। फिर उन सभी विचारों को संग्रहित करें जिन्हें आप फिल्म स्क्रिप्ट के लिए उपयोगी समझते हैं।


4. एक सार्वजनिक स्थान पर ध्यान केंद्रित करें: कई बार आपको फिल्म स्क्रिप्ट idea वंही से मिलेगा।

Tuesday 2 May 2023


 














बॉलीवुड की पहली हीरोइन राजेश्वरी सुब्बाराव प्रधान (Rajshree Subhash) थीं। वे 1964 में रिलीज हुई फिल्म 'जन्मजात' (Janwar) के साथ बॉलीवुड में अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत की थीं।


राजेश्वरी सुब्बाराव प्रधान 1950 के दशक में भारत में पैदा हुईं थीं और उन्होंने एक मुंबई आधारित संस्कृति और कला के परिवार में जन्म ली थी। उन्होंने फिल्म करियर की शुरुआत बालगाथा फिल्म 'जन्मजात' में शामिल होकर की। इस फिल्म में उनके साथ शामिल थे जाने-माने अभिनेता शम्मी कपूर और माधुबाला। उन्होंने फिल्म में शामिल होने से पहले थिएटर में काम किया था।


राजेश्वरी ने फिल्मों के साथ कुछ समय बिताया, लेकिन बाद में वे अपने अभिनय करियर से सन्न थीं। वे अपने पति और बच्चों की देखभाल के लिए समय देने लगीं थीं। लेकिन बॉलीवुड में उनकी यादगार एक्टिंग प्रदर्शन आज भी लोगों के दिलों में जीवित है।


Thursday 30 March 2023


 















What's the difference between filmmaking and cinematographer..


Filmmaking vs cinematography


अगर आप filmmaking करते है या cinematography करते है ,तोह आप को कभी न कभी ये सवाल आप के ज़हन में जरूर आया होगा कि filmmaking और cinematography में क्या अंतर है...हालाँकि दोनों फिल्म से संबंधित भूमिकाएँ हैं, फिर भी एक अलग अंतर है...



सीधे शब्दों में कहे तोह filmmaking, फ़िल्म के throw (माध्यम) से कहानी कहने की कला है...वही दूसरी तरफ cinematography ,filmmaking process का एक हिस्सा है और इसमें visual adds, lighting and camera equipment के uses (उपयोग) के throw से motion picture को capture करना होता है...


Filmmaker के visualisation बेहद strong होते है और एक filmmaker अपना अधिकांश समय writing और direction को देता है... directors के दिमाग में एक दुनिया होता है जिसे वो cinema के जरिए दुनिया के साथ share करते है... 


*अब हम बात करते है cinematography एंड filmmaking के skills and education में क्या अंतर है...

तोह सबसे पहले cinematography के skills and education की बात करते है...


सिनेमैटोग्राफरों के पास एक creative mind और strong sense की एक art होनी चाहिए, ताकि वे imagine कर सकें कि final image कैसी दिखेगी। उन्हें कैमरा ऑपरेशन, लाइटिंग की  knowledge होना चाहिए।



उन्हें फिल्म के लिए director के vision को समझना चाहिए और यह पता लगाना चाहिए कि कौन से techniques को apply करना चाहिए जिससे movie के scene को strong bana सके... Cinematographers को bachelors degree लेना चाहिए ताकि वो professionally काम करे...bachelors degree लेने के बाद as an intern काम करे और अपने सीखे skills को apply करे then आप professionally इस field में as an cinematographer job कर सकते हैं..


Filmmaking के skills and education की बात करते है...


निर्माता और निर्देशकों सहित फिल्म निर्माता स्क्रीन पर और पीछे दोनों जगह फिल्म के निर्माण में जाने वाले हर तत्व की देखरेख के लिए जिम्मेदार हैं। निर्माता फिल्म के वित्तपोषण पर काम करते हैं, और परियोजना के सभी व्यावसायिक और संगठनात्मक पहलुओं का प्रबंधन करते हैं। वे डायरेक्टर को हायर भी करते हैं।



निर्माता और निर्देशक मिलकर स्क्रिप्ट को अंतिम रूप देते हैं और फिल्म के लुक और टोन को तय करते हैं। वे शेड्यूल, बजट, कास्ट और क्रू के बारे में निर्णय लेते हैं। निर्देशक कलाकारों और सिनेमैटोग्राफर के साथ मिलकर काम करते हैं ताकि स्क्रीनप्ले की उनकी व्याख्या जीवंत हो सके। फिल्म निर्माता परियोजना के बारे में हर विवरण के बारे में अंतिम निर्णय लेते हैं।








Thursday 24 March 2022


















Assistant Director ka kya kaam hota hai || what does ASSISTANT DIRECTOR do in films || FILMMAKING


आज का टॉपिक बेहद interesting है क्योकि आज मैआप को बताने वाली हूँ कि असिस्टेंट डायरेक्टर का क्या काम होता है ,अगर आप को जानना है की असिस्टेंट डायरेक्टर का क्या काम होता है तोह आप इस आर्टिकल के साथ बने रह सकते है...


ASSISTANT DIRECTOR का फिल्म में क्या काम होता है  :


*पहला काम होता है 
फिल्म डायरेक्टर के GUIDE LINE को FOLLOW करना ||

*दूसरा काम होता है 
ARTIST AND CREW के HEALTH OR SAFTEY का धयान रखना ||

*तीसरा काम होता है 
फिल्म डायरेक्टर का CALL SHEET तैयार करना 

*चौथा काम होता है 
फिल्म डायरेक्टर को UPDATE करना ||


जब फिल्म बड़े बजट की बन रही होती है तोह उसमे एक नहीं कई सरे असिस्टेंट डायरेक्टर होते है ||

* ये असिस्टेंट डायरेक्टर कुछ इस तरह से होते है :

- FIRST ASSISTANT DIRECTOR

- SECOND ASSISTANT DIRECTOR

- SECOND SECOND ASSISTANT DIRECTOR

- THIRD ASSISTANT DIRECTOR

- ADDITIONAL ASSISTANT DIRECTOR


ये सभी असिस्टेंट डायरेक्टर एक दुसरे से कोआर्डिनेट करते है और एक दुसरे को अपडेट करते है और जो असिस्टेंट डायरेक्टर होता है वो सभी ASSISTANT DIRECTOR से कोर्दिनाते करते है और FILM डायरेक्टर को अपडेट करते है ||


अगर आप को ASSISTANT DIRECTOR बनना है तोह आप किसी  भी FILM ISNTITUDE में ADMISSION करवा का फिल्म TECHNIQUE को सिख सकते है || फिल्म TECHNIQUE सिखने के बाद आप किसी भी फिल्म डायरेक्टर को असिस्ट कर सकते है || जब आप को लगे की आप ACHHE से फिल्म बनाना सिख गए है तोह आप अपनी फिल्म बना कर फिल्म डायरेक्टर बन सकते है ||


THANK YOU 


Saturday 12 March 2022


 















Movie ( HINDI ) || Movie kya hota hai || movie kya hai || What Is a Movie? || Filmmaking


आज का topic बेहद interesting है वो इसलिए क्योंकि आज मैं बात करने वाली हूँ कि " movie क्या है "..I mean हम रेगुलर life में movie देखते है और खुद को entertain करते है..लेकिन अगर आप से कोई पूछे कि movie क्या है तोह शायद ही बता पाए कि movie क्या है??


तोह चलिए हम बात करते हैं कि मूवी क्या है..movie कहानी दर्शाती है 

जैसे किताबे कहानी दर्शाती है..बस फर्क इतना है कि किताबो की कहानियां शब्दो के रूप में दर्शायी जाती है और मूवी में कहानियां विसुअली दर्शाई जाती है..पूरी दुनिया मे लोगो को ये medium बेहद पसंद है : जिस तकर से movie में कहानियां दर्शाई जाती है।।।


जब हम theatre में मूवी देखने जाते है तो मूवी को विसुअल्ली effect directoe देता है..तोह हम कह सकते है कि मूवी का storyteller  डायरेक्टर होता है..जो charge करता है कि story को किस तरह से फिल्माया जा सकता है...जब audience मूवी देखती है तोह वह क्या feel करती है sad , amused, bored, scared ये सब एक डायरेक्टर का विज़न होता है...

साथ ही मूवी में actor अपने charactor को portray करते है...


 किताबो की कहानियों में हम किसी भी जगह और universe में enter ककर सकते और more no of charactor के साथ खेल सकते है...लेकिन जब movie बनाई जाती है तोह कई तरह की बधाई उत्पन्न होती है जैसे:

*Weather के according काम करना होता है

*No. Of character होता हैं..

*available space में ही काम करना होता है

*money के according ही props, costume , special lighting, sounds or camera equipment का इस्तेमाल किया जाता है...


तोह movie banate वक़्त काफ़ी problems आते हैं जिसे solve करते हुए काम करना होता है...


उम्मीद करती हूँ कि आप को ये artical pasand आया हो!!













Tuesday 31 August 2021
















video











How To Write A Short Film In 5 Ste film script writing



अगर आप फिल्म राइटर बनना चाहते है शोर्ट फिल्म बनाना चाहते है तोह ये आर्टिकल आप के लिए है ..
क्योकि आज मै 5 टिप्स राइटिंग के बताने वाली हूँ तोह इस आर्टिकल के साथ बने रहे!!!!

1st
GENRE
सब से पहले आप सोचता नोगा की आप की फिल्म किस GENRE की है जैसे HORROR, COMEDY, ROMANTIC SUSPENSE ETC इसी GENRE के ACCORDING अपनी स्टोरी के स्क्रीनप्ले तैयार कीजिये ....

2ND
PROTAGONIST
PROTAGONIST का मतलब ये है की आप की स्टोरी के मैंन करैक्टर (FILM HERO) के ACCORDING अपनी स्टोरी BUILT कीजिये ...

3RD
ANTAGONIST
ANTAGONIST का मतलब ये है की अगर फिल्म में हीरो है विल्लेन भी होगा तोह विल्लेन को धियान में रखते हुए भी फिल्म स्टोरी बिल्ट करेंगे ...

4TH
TONE & STYLE
जो आप फिल्म लिख रहे है उस फिल्म का टोन और स्टाइल क्या रहेगा उसका भी धियं रख कर आप स्टोरी बिल्ट कीजिये ...
TONE - KOUN SA LANGUDGE AAP ISTEMAL KARTE HAI FILM ME...
STYLE-KOUN SA MOOD STEMAAL KARTE HAI JAISE SERIOUS, CASUAL ETC


5TH
POINT OF VIEW
इसका मतलब ये है की आप स्टोरी किसके POINT OF VIEW से लिख रहे है ...जैसे आप की स्टोरी है तोह आप अपने POINT OF VIEW से स्टोरी लिखेंगे और अगर किसी और की स्टोरी है तोह उनके POINT OF VIEW से स्टोरी लिखेंगे ...


THANK YOU












 

Thursday 10 June 2021


 













How To Become Film Director ! (Film Director कैसे बनें) || Filmmaking Tutorial


अगर आप फ़िल्म director बनना चाहते है तोह ये artical आप के लिए है! तोह आप इस artical के साथ बने रहिए!


Film director बनने से पहले आप को पता होना चाहिए कि FILM किया है!!


Film एक कला है वो इसलिए क्योंकि फ़िल्म हमे एंटरटेन करती है और कला का मतलब भी एंटरटेनमेंट होता है!

जैसा कि मैंने अभी आप को बताया कि फ़िल्म एक कला है जिसे आप अभ्यास (practice) के माध्यम से प्राप्त करते हैं, जैसे dancing, panting, या singing इसे जितना अभ्यास (practice) करेंगे आप की कला उतनी निखरेगी वैसे ही आप फ़िल्म direction को जितना अभ्यास (practice) करेंगे आप की फ़िल्म उतनी निखरेगी!





Film direction कब शुरू करें!


Film डायरेक्शन शुरू करने के लिए जरूरी नही है कि आप के पास फिल्म equipment, technology और film techniques का ज्ञान हो या आप इसका ज्ञान प्राप्त करने के लिए wait न करें क्योंकि वे उन कहानियों तक नहीं ले जाएंगे जो आपको ऑडियंस को बतानी है, और न ही वे आपके अभिनेताओं को direction करने में आपकी मदद करेंगी। इसलिए आप अभी जहां हैं वहां कूदें और बस इसे करना शुरू करें।  आपको बस एक लैपटॉप की जरूरत है कंप्यूटर और एक डीएसएलआर', या यहां तक ​​​​कि सिर्फ एक स्मार्टफोन, अभी ये काम अनुभव करें।  

आप अभी direction शुरू कर सकते है वो ऐसे की हाल ही की एक घटना के बारे में सोचें या कभी ऐसा कोई घटना देखा हो जो देखते ही आप के मुह से निकला OMG! तोह आप उस घटना को shoot करके प्रस्तुत करने का प्रयास करें।    


तोह आप ऐसी films सोचिए जो आप एक या दो घंटे में शूट कर सकते है और उस फिल्म को तुरंत edit कर सकते है।कोशिश करे कि आप फ़िल्म को एक दो दिन में खत्म करें और फिर दूसरा बनाए।


हम चाहते है कि आप आगे बढ़ो, हमें खुशी होगी अब आप इस artical के पढ़ते ही एक 2 मिनट के thought पर shoot कीजिए और दो मिनट की फिल्म बनाएं।  जब आप थोड़ा और अनुभव लेकर लौटेंगे, हमे खुशी मिलेगी!


अगर इस artical के बाद आप ने कोई स्टोरी पर काम किया तोह comment करके जरूर बताइएगा!! और हां अगर आप चाहते है कि हम आप के विडीओ को प्रमोट करे तोह भी आप कमेंट कीजिए!!!


Thursday 3 June 2021

 

















HOW TO BECOME AN EDITOR - HINDI में ! ( EDITOR कैसे बने )


अगर आप वीडियो एडिटर बनना चाहते है तोह ये artical आप के लिए है क्योंकि आज में आप को editing प्रोफेशन से रिलेटेड बहुत सारी जानकारी देने वाली हूं!


इस आर्टिकल के साथ जुड़े रहिए!!!


Film editing एक कमाल का creative प्रोफेशन है...जंहा आप film को पूरा बनाता हुआ देख सकते है और आप की बनाई हुई film ऑडियंस तक पहुचती है।।।


Films तीन stage में बनती है


1 . writting  ( जिसमे फ़िल्म स्टोरी लिखी जाती है)

2.  shooting ( फिर उस स्टोरी को शूट किया जाता है)

3.  editing ( फिर shooted raw footage को edit किया जाता है)





तोह आज का artical 3rd stage मतलब editing पर base है...


एक एडिटर कई raw footage को मिलाकर एक finish output तैयार करता है...जो director, writtten और producer का विज़न होता है उस विज़न का  फाइनल रूप देना एक editor का काम है...एडिटिंग में इतना power होता है कि कई बार editing में फ़िल्म की स्टोरी को काफी हद तक बदल दिया जाता है...काफी बार ऐसा होता है की अच्छी स्टोरी भी ग़लत editing की वजह से फ्लॉप हो जाती है , तोह कई बार ऐसा भी होता है कि खराब फ़िल्म स्टोरी अच्छी editing से हिट हो जाती है!!


अब बात करते है कि आप video editor कैसे बने और video editing में अपना कैरियर कैसे बने!!!


सबसे पहले बात करते है कि वीडियो editing होती क्या है??


शूट करने के बाद जो आप के पास raw footage आती है

 उस footage के साथ काट-छाट करके उसे एक sequence में arrange करके एक नया और अच्छा  फाइनल output तैयार किया जाता है उस output को  वीडियो editing कहते है!


वीडियो editing में dialogue, background music, sound effect ये सभी को भी एक साथ edit किया जाता है..वीडियो editing post production का एक part है, लेकिन कई बार लोग editing को ही post production समझ लेते है जो कि पूरी तरह से सही नही है क्योंकि post प्रोडक्शन में editing के अलावा colour correction, VFX MUSIC, TITTLE और भी बहुत सारी चीजें आती है...





*अब बात करते है VIDEO EDITING के लिए IMPORTANT EDITING SOFTWARE की!


FILM EDITING के लिए सब से ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली SOFTWARE ADOBLE PREMIERE PRO और FINAL CUT PRO है... इसके अलावा जो SOFWARE इस्तेमाल किए जाते है वो FILMMORA , POWER DIRECTOR, iMOVIE और KINEMASTER है..


अगर आप फ़िल्म एडिटर बनना चाहते है तोह आप को SOFTWARE का नॉलेज होना चाहिए!!




* Video editor कैसे बने!


Editior banne के liye सब से पहले वीडियो editing software सीखना होता है..वो आप किसी अच्छे इंस्टीटूडे से सिख सकते है...अब आप का एक question rise हो रहा होगा कि आप कब वीडियो एडिटिंग का course कर सकते है? इसका answer ये है कि after 10thऔर 12th के बाद आप ये course कर सकते है...



लेकिन sofware सीखने से कोई अच्छा editor नही बन जाता है...अच्छा editor बनने के लिए आप जितना हो सके इस काम को experience कीजिए...


और most important बात एक editor का communcation skill अच्छा होना चाहिए वो इसलिए क्योंकि एक editor को director, cinematographor, producer or writer और भी कई professnal लोगो से project के बारे बात करना होता है!!!


Thank you


कैसा लगा artical comment करके जरूर बताएं!!!



Sunday 30 May 2021


 















Bollywood Actor kaise bane




21 वी शताव्दी चल रही है और इस समय सभी कही न कही creator है...

समय ही कुछ ऐसा है कि आज की युवा को bollywood की चकाचौंध बहुत आकर्षित करते है जिसके कारण कही न कही युवा actor बनना चाहते है। और आज का पोस्ट इसी पर आधारित है..

तोह इस artical को पूरा पढ़ कर आप जान जाइये की हम actor कैसे बने!

आजकल अनेक लोग Film Acting या फिर Bollywood Acting में कैरियर बनाने का सपना देखते हैं। अगर आपने भी Actor बनने का सपना देखा है, तो आप 12 वीं या ग्रेजुएशन के बाद Acting Course कर इस फील्ड में प्रवेश कर सकते हैं। फिलहाल Acting में Career बनाने के लिए पढा लिखा होना जरूरी नही है। अगर आपकी एक्टिंग स्किल अच्छी है और शब्दों का उच्चारण सही है, हिंदी भाषा पर अच्छी पकड़ है, तो आप बिना Acting Course किये ऑडिशन देकर Film Industry में Actor बनने का सपना पूरा कर सकते हैं। लेकिन Acting Course करने के लिए आप कम से कम 12वीं पास हों।


दूसरी बात ये है कि Acting Career जे लिए कोई निश्चित उम्र नही होती है। हर उम्र के लोग Acting Field में कैरियर बना सकते हैं। चाहें बच्चे हो, या बूढ़े या फिर यंग सभी के लिए यंहा पर काम होता है। अगर आपको लगता है कि आपकी acting स्किल सही नही है, तो आप सबसे पहले किसी अच्छे Acting Institute को जॉइन कर Acting course करें। इसके बाद Audition को क्वालीफाई कर एक्टर बन सकते हैं। एक्टिंग कोर्स करने का आपको फायदा ये होगा कि आपको Acting Field की अच्छी समझ हो जाएगी और वंहा पर आपको Acting Career के लिए सही गाइडेंस भी मिलेगा।




चलिये अब हम आपको बताते है कि Acting me Career Scope क्या है। 


अगर Film Industry में acting के कैरियर की बात करें, तो इस सेक्टर में काफी अच्छा कैरियर स्कोप है। वो इसलिए क्योंकि आज के समय मे फ़िल्म इंडस्ट्री बहुत बड़ा बिजनेस का रूप ले चुका है। खासकर Bollywood में तो प्रतिबर्ष अनेक फिल्मे बनती है। अगर आपके अंदर टैलेंट है, तो आप भी इन फिल्मों में एक्टिंग या रोल कर सकते हैं।  इसके साथ ही साउथ सिनेमा और भोजपुरी सिनेमा में भी आप हाथ आजमा सकते हैं। आप विभिन्न TV शो होस्ट कर सकते हैं। Ad Films में काम कर सकते हैं। पिछले कुछ दशकों से Film Making का काम बहुत तेजी से बढ़ा है। इसलिए यंहा पर एक्टरों के लिए काम के अवसर भी बढ़े है। अगर आप मे टैलेंट और Acting स्किल है, तो आप आसानी से काम पा सकते हैं।




 एक्टिंग के फील्ड में काम कैसे मिलता हैं

एक्टिंग के फील्ड में काम ऑडिशन के आधार पर मिलता है। यंहा पर किसी भी फ़िल्म या टीवी सीरियल में काम के लिये सबसे पहले आपको ऑडिशन देना होता है। ऑडिशन में आपको एक स्क्रिप्ट दी जाती है। जो आपको कैमरे के सामने बोलकर अपनी एक्टिंग की परफॉर्मेंस दिखा सकते हैं। अगर ऑडिशन आपने पास कर लिया तो ही आपको Acting में काम मिलता है। 

इसलिए आप ज्यादा से ज्यादा ऑडिशन देने की कोशिश करें। जिससे आपको अपनी मिस्टेक पता चलती रहेंगी कि आपका सिलेक्शन क्यों नही हो रहा है। इस प्रकार आपकी गलतियां दूर होती जाएगी और आप एक दिन आसानी से Acting में काम पा जाएंगे। अकसर लोग यही गलती करते हैं, वे ऑडिशन देने से घबराते हैं। जब डरना और घबराना ही था, तो एक्टिंग फील्ड में क्यों आये। सिर्फ ग्लैमर को देखकर यंहा पर न आएं। अगर आपके अंदर एक्टिंग के प्रति जुनून है और आपको कैमरे के सामने बोलने से डर और घबराहट नही लगती है, तो ही आप Acting के फील्ड में आएं। डर और घबराहट की वजह से लोग ऑडिशन सही तरह नही दे पाते, जिस्की वजह से उनका किसी भी फ़िल्म या टीवी सीरियल में सेलेक्शन नही हो पाता है। 

चूंकि Acting के फील्ड में कॉम्पटीशन काफी हाई है, ऐसे में आप अपनी एक्टिंग स्किल को हमेशा इम्प्रूव करते रहे। कुछ लोग सोचते हैं, कि एक्टिंग में काम सिर्फ उन्हीं को मिलता है, जिनका बैकग्राउंड फ़िल्म इंडस्ट्री से है, लेकिन ये बात पूरी तरह सही नही है। अगर आपके अंदर acting का कीड़ा है, तो आप भी उनकी जगह पर हो सकते हैं।

आप आपने कैरियर की शुरुआत टीवी सीरियल या एड फिल्मो से भी कर सकते हैं क्योकि यंहा पर थोड़ा आसानी से Acting करने का मौका मिल जाता है। क्राइम पेट्रोल, सावधान इंडिया, सीआडी जिसे टीवी प्रोग्राम में तो हर एपिसोड के लिए नए चेहरे की तलाश रहती है। आप इनके प्रोडक्शन हाउस में ऑडिशन दें, यंहा पर कुछ आसानी से आप Acting Career की शुरुआत हो सकती हैं।




अब बात करते है कि आपको किसी भी फ़िल्म और टीवी सीरियल के ऑडिशन के बारे में कैसे पता चलेगा

इसके लिए आप को कुछ अच्छे व्हाट्सएप ग्रुप जॉइन कर सकते हैं। मुम्बई में फ़िल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई ऐसे ग्रुप है, जोकि आपसे 400 से 500 रुपये ग्रुप मेंबर चार्ज लेते हैं और आपको Acting ऑडिशन की जानकारी देते रहते हैं।

 दूसरा तरीका ये है कि जब भी आप ऑडिशन देने जाये, तो अपने जैसे लोगों से बातचीत करें, एक दूसरे के नंबर ले, और एक दूसरे को ऑडिशन के जानकारी बाटें।

ऑडिशन की जानकारी पाने का तीसरा तरीका ये है कि आप फ़िल्म और टीवी प्रोडक्शन हाउस, कास्टिंग एजेंसी में कास्टिंग डाइरेक्टर से संपर्क करें। कोशिश करें कि आप उनका कांटेक्ट नम्बर ले सकें। समय समय पर उनके कांटेक्ट करते रहे, जिससे आप ऑडिशन की जानकारी पा सकते हैं।

 फ़िल्म सिटी गोरेगांव, अंधेरी, आरामनागर इनफिनिटी मोल आदि जगहों पर काफी फ़िल्म और टीवी सीरियल के ऑडिशन होते हैं, आप यंहा भी संपर्क कर सकते हैं।


इन सभी के अलावा कुछ अच्छे फेसबुक ग्रुप भी हैं, आप इनको जॉइन कर ऑडिशन की जानकारी पा सकते हैं। 





Most important बात फिल्म एक्टर या एक्ट्रेस बनने के लिए आप एक बात ध्यान रखिए कि फर्जी ऑडिशन और फर्जी कास्टिंग डायरेक्टर से कैसे बचें


चलिए अब बात करते है कि फर्जी ऑडिशन और फर्जी फिल्म रोल के ऑफर को कैसे पहचाने  या  फर्जी कास्टिंग डायरेक्टर को कैसे पहचाने  और इनसे कैसे बचें!


इन फर्जी लोगो से बचने का एक ही तरीका है " ऑडिशन की फीस नही होती है। अगर आपसे रजिस्ट्रेशन या किसी के नाम पर एक भी पैसा मांगा जाए, तो आप न दें। फ्रॉड लोगों की यही पहचान है। इसके अलावा आपको कुछ लोग ऐसे भी मिलेंगे, जोकी आपसे पैसे की डिमांड करेंगे और आपको किसी भी फ़िल्म या टीवी सीरियल में काम दिलाने का वादा करेंगे। अभी ये लोग आपसे बहुत चापलूसी करेंगे पैसे लेकर गायब हो जाएंगे। बस आप इतना ध्यान रखें, रुपए देकर आप किसी भी फ़िल्म या टीवी सीरियल में रोल नही पा सकते हैं। इसलिए दलालो के चक्कर मे न पड़े।












Thursday 29 April 2021

how to start a film production company

 











You will get a better understanding with this video.



HOW TO START A FILM PRODUCTION COMPANY


आज की जनरेशन को  ये लाइन अपनी तरफ बहुत खिचती है , खीचना जायज भी है क्योकि ये लाइन है ही इतना ATRRACTIVE...

इस लाइन में कोई न कोई  एक्टर , डायरेक्टर , राइटर और प्रोडूसर बनना चाहता है , फिर एक वक़्त ऐसा आता है जब ये लोग सोचते है की चलो अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस खोल लेते है...

तो आज में आप को STEP  वाइस यही बताने वाली हूँ की खुद का प्रोडक्शन कैसे खोले....

STEP 1  

सबसे पहले अपना प्रोडक्शन का नाम सोचिये फिर उस नाम का ट्रेड मार्क में RAGISTRATION करवाइए .

STEP 2

फिर आप को उस का फर्म ओपन करना होगा...

फर्म तीन तरह का होता है:

1. PROPRITORSHIP FIRM : Proprietorship को एकल स्वामित्व (Sole proprietorship) भी कहते है। इसका अर्थ है- 'एक व्यक्ति का स्वामित्व'। एक ही व्यक्ति बिजनेस/ व्यवसाय/ व्यापार का स्वामी होता है। व्यापार से संबंधित सभी काम और नियंत्रण उसके हाथ में होता है।


2. PARTNERSHIP FIRM: भागीदारी या साझेदारी (partnership) व्यावसायिक संगठन का एक स व्यक्तियों का पारस्परिक संबंध है, जिसमें लाभ कमाने के उद्देश्य से एक व्यावसायिक उद्यम का गठन किया जाता है। वे व्यक्ति जो एक साथ मिलकर व्यवसाय करते है, उन्हें व्यक्तिगत रूप से 'साझेदारी' (पार्टनरशिप) और सामूहिक रूप से 'फर्म' कहा जाता है।


3. PRIVATE LIMITED FIRM: एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी एक संयुक्त स्टॉक कंपनी है, जो भारतीय कंपनी अधिनियम, 2013 या किसी अन्य पिछले अधिनियम के तहत स्थापित की गयी है. यह स्वैच्छिक रूप से बनाए गए व्यक्तियों का एक संघ है, जिसकी न्यूनतम पेड-उप पूंजी रु. 1,00,000 होती है. प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खोलने के लिए कम से कम 2 लोगों की जरुरत अवश्य होती है|


आप तीनो में से एक फर्म खोल सकते है....

STEP 3

फर्म खोलने के बाद आप को उस फर्म के नाम का बैंक अकाउंट खोलना होगा . लेकिन , आप को बैंक ACCOUNT खोलते वक़्त ये धियान देना होगा की आप का वो ACCOUNT  "SAVING ACCOUNT" न हो कर "CURRENT ACCOUNT " हो ....

STEP 4

बैंक अकाउंट खोलने के बाद आप को उस कंपनी के नाम का G.S.T NUMBER लेना होगा...

STEP 5

G.S.T NUMBER लेने के बाद आप को किसी MUMBAI के किसी organization से उनकी FRANCHISE लेनी होगी.. FRANCHISE लेने का एक फायेदा होगा की आप को काम आसानी मिल जायेगा...

मुंबई में कई organization है जैसे IMFA & WIMFPA  ETC आप इनसे FRANCHISE ले सकते है ...


उम्मीद करते आप है आप को समझ आ गया होगा की कैसे खुद का प्रोडक्शन खोल सकते है ||

धन्येवाद ||


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