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Thursday 27 April 2023


 











The song of scorpions movie 2023 - Cast , Release Date & Review


अभिनेता इरफान खान की आखिरी हिंदी फिल्म द सॉन्ग ऑफ स्कॉर्पियन्स 28 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। अप्रैल 2020 में न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से लंबी लड़ाई के बाद खान का निधन हो गया।


खान, जो मुख्यधारा के बॉलीवुड से पहले नए जमाने के हिंदी सिनेमा का चेहरा थे, उन्हें मामूली बजट वाली स्मार्ट फिल्मों के लिए याद किया जाता है, जो 2000 के दशक के मध्य से शुरू होने वाले सबसे कम बाजार भाजक को पूरा नहीं करती थीं। इनमें हासिल (2003), मकबूल (2004), लाइफ... इन ए मेट्रो (2007), पान सिंह तोमर (2011) और द लंचबॉक्स (2013) शामिल हैं, जिसमें उन्होंने द वारियर (2001) जैसी लोकप्रिय अंतरराष्ट्रीय फिल्मों के साथ काम किया। , द नेमसेक (2007), स्लमडॉग मिलियनेयर और लाइफ ऑफ पाई (2012)।


खान 2018 से ट्यूमर से जूझ रहे थे, जब उन्होंने लंदन में व्यापक उपचार की मांग की। वह फरवरी 2019 में कॉमेडी-ड्रामा अंग्रेजी मीडियम की शूटिंग के लिए लौटे। यह फिल्म न केवल उनकी अंतिम सिल्वर स्क्रीन आउटिंग थी, बल्कि भारतीय दर्शकों के लिए सीज़न की आखिरी नाटकीय रिलीज़ भी थी, 2020 में मार्च के मध्य में रिलीज़ ने कोरोनोवायरस-प्रेरित लॉकडाउन को मूंछ से हरा दिया।


खान ने मीरा नायर के नाटक सलाम बॉम्बे में एक छोटी सी भूमिका के साथ अपनी फिल्म की शुरुआत की थी! (1988), जिसके बाद वर्षों का संघर्ष हुआ। उन्होंने भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान की कुछ छात्र फिल्मों में अभिनय किया। ब्रिटिश फिल्म द वारियर (2001) में अभिनय करने के बाद, उन्होंने हासिल (2003) और मकबूल (2004) नाटकों में भूमिकाएं निभाईं।


कहा जाता है कि खान हासिल और मकबूल में अपने दम पर छोटे-छोटे ग्रे किरदार निभाते आए हैं। 2011 की इसी नाम की फिल्म में दस्यु पान सिंह तोमर की भूमिका निभाने के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी बहुमुखी प्रतिभा के लिए, उन्हें द अमेजिंग स्पाइडर-मैन (2012), जुरासिक वर्ल्ड (2015) और इन्फर्नो (2016) जैसे बड़े बजट की हॉलीवुड फिल्मों के लिए चुना गया था।


2011 में, खान को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।








Wednesday 26 April 2023

 















फ़िल्म किसी का भाई ,किसी की जान रिलीस हो गई है लेकिन फ़िल्म देखने के बाद ये समझना मुश्किल है कि किसका भाई और किसकी जान...

अगर आप ने ये फ़िल्म देखी है तोह कमेंट करके बताइये कि किसका भाई और किसकी जान...


सलमान खान की फिल्मों का मकसद कुल-मिलाकर एक ही होता है और वो है फैमिली एंटरटेनमेंट. सलमान भाई अपने परिवार के करीब हैं और अपने फैंस को उनके परिवार के करीब लाना चाहते है. तभी वो मसाला के साथ-साथ फैमिली एंटरटेनर फिल्में बनाते है. यही कोशिश उन्होंने एक बार फिर अपनी नई फिल्म 'किसी का भाई किसी की जान' से की है. चार सालों के बाद सलमान खान बड़े पर्दे पर नजर आए हैं.


खैर फ़िल्म की कहानी की बात करे तोह ऑडियंस फ़िल्म के एक scene देख कर दूसरा scene बता सकते है कि अब क्या होने वाला हैं... इसका कारण ये हैं कि ये फ़िल्म पता नही कितने फिल्मो का रेमिक है...इसके बाद भी अगर आप फ़िल्म देखने जाना चाहते है तोह जा सकते है...



अब हम बात करते hai अब तक इस movie ने कितना कॉलकेक्श कर लिया .. 


दिन कमाई

शुक्रवार 13.75 करोड़ रुपये

शनिवार 24 करोड़ रुपये

रविवार 24.50 करोड़ रुपये

सोमवार 9.50 करोड़ रुपये

कुल कमाई 71.75 करोड़ रुपये


यह फिल्म की जगह सलमान खान का ही जादू है, जिसके लिए टिकट खिड़की पर भीड़ नजर आ रही है। क्योंकि फरहाद सामजी के डायरेक्‍शन में बनी इस फिल्‍म को क्रिटिक्स और सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर फिल्म और इसकी कहानी को लोगों ने रिजेक्ट कर दिया था। लेकिन ये सलमान का चार्म ही है, जो लोगों को सिनेमाघरों तक खींच रहा है...








Thursday 30 March 2023


 















What's the difference between filmmaking and cinematographer..


Filmmaking vs cinematography


अगर आप filmmaking करते है या cinematography करते है ,तोह आप को कभी न कभी ये सवाल आप के ज़हन में जरूर आया होगा कि filmmaking और cinematography में क्या अंतर है...हालाँकि दोनों फिल्म से संबंधित भूमिकाएँ हैं, फिर भी एक अलग अंतर है...



सीधे शब्दों में कहे तोह filmmaking, फ़िल्म के throw (माध्यम) से कहानी कहने की कला है...वही दूसरी तरफ cinematography ,filmmaking process का एक हिस्सा है और इसमें visual adds, lighting and camera equipment के uses (उपयोग) के throw से motion picture को capture करना होता है...


Filmmaker के visualisation बेहद strong होते है और एक filmmaker अपना अधिकांश समय writing और direction को देता है... directors के दिमाग में एक दुनिया होता है जिसे वो cinema के जरिए दुनिया के साथ share करते है... 


*अब हम बात करते है cinematography एंड filmmaking के skills and education में क्या अंतर है...

तोह सबसे पहले cinematography के skills and education की बात करते है...


सिनेमैटोग्राफरों के पास एक creative mind और strong sense की एक art होनी चाहिए, ताकि वे imagine कर सकें कि final image कैसी दिखेगी। उन्हें कैमरा ऑपरेशन, लाइटिंग की  knowledge होना चाहिए।



उन्हें फिल्म के लिए director के vision को समझना चाहिए और यह पता लगाना चाहिए कि कौन से techniques को apply करना चाहिए जिससे movie के scene को strong bana सके... Cinematographers को bachelors degree लेना चाहिए ताकि वो professionally काम करे...bachelors degree लेने के बाद as an intern काम करे और अपने सीखे skills को apply करे then आप professionally इस field में as an cinematographer job कर सकते हैं..


Filmmaking के skills and education की बात करते है...


निर्माता और निर्देशकों सहित फिल्म निर्माता स्क्रीन पर और पीछे दोनों जगह फिल्म के निर्माण में जाने वाले हर तत्व की देखरेख के लिए जिम्मेदार हैं। निर्माता फिल्म के वित्तपोषण पर काम करते हैं, और परियोजना के सभी व्यावसायिक और संगठनात्मक पहलुओं का प्रबंधन करते हैं। वे डायरेक्टर को हायर भी करते हैं।



निर्माता और निर्देशक मिलकर स्क्रिप्ट को अंतिम रूप देते हैं और फिल्म के लुक और टोन को तय करते हैं। वे शेड्यूल, बजट, कास्ट और क्रू के बारे में निर्णय लेते हैं। निर्देशक कलाकारों और सिनेमैटोग्राफर के साथ मिलकर काम करते हैं ताकि स्क्रीनप्ले की उनकी व्याख्या जीवंत हो सके। फिल्म निर्माता परियोजना के बारे में हर विवरण के बारे में अंतिम निर्णय लेते हैं।








Tuesday 14 February 2023


 















मंडी हाउस...

इस जगह का महत्व वही बात सकता है, जिसने इस जगह को जिया है...और इस जगह पर जीने वाले लोग सिर्फ दिल्ली के नही है बल्कि हिंदुस्तान के कोने-कोने के लोग है...

अगर आप को दिल्ली में कलाकारों की भीड़ देखनी है तोह आप मंडी हाउस आ सकते हो...

इंडस्ट्री में जो भी महान कलाकार है उनका इस जगह से गहरा रिस्ता है और हो भी क्यो ना क्योकि आखिरकार यंहा NSD है..NSD वो जगह है जंहा हिंदुस्तान के कोने कोने के लोग रंगमंच का प्रशिक्षण लेने आते है...NSD ने हिंदुस्तान को उम्दा कलाकार दिए हैं...


क्या आप को पता है यंहा पर हर साल भारत रंग महोत्सव सेलिब्रेट किया जाता है...


इस सेलिब्रेशन को कलाकार ही नही बल्कि सभी लोग एन्जॉय करते है और एन्जॉय करे भी क्यो न क्योकि आप को इस महोत्सव में बहुत कुछ देखने को मिलेगा....


तोह अब हम आप को "22वां भारत रंग महोत्सव"  की पूरी जानकारी देंगे....


नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा का ‘भारत रंग महोत्सव’ इस बार सिर्फ 12 दिन का होगा...और दिल्ली में ये महोत्सव 14 से 23 फरवरी तक होगा...इस महोत्सव में कई शो सम्मलित है और सभी शो

ओपन एयर- एनएसडी, श्रीराम सेंटर, एलटीजी, कमानी ऑडिटोरिम (मंडी हाउस) में होगा और ये सभी शो  "5, 6, 6:30,7" बजे होगा....अगर आप इन शो का लुफ्त उठाना चाहते है तो आप एडवांस में बुक माई शो से बुकिंग कर सकते है...


 दिल्ली के रंगमंच प्रेमी 33 नाटक देख सकेंगे...

वैसे तोह हर साल देशी नाटक के साथ - साथ विदेशी नाटक होते थे लेकिन इस बार रंगमंच के इस इंटरनैशनल फेस्टिवल में विदेशी नाटक नहीं होंगे क्योकि कोविड की वजह से विदेशी नाटक कंपनियों को आमंत्रित करने की प्रक्रिया नहीं हो पाई।

 

इस बात के रंग महोत्सव के लिए रंगमंच प्रेमी इसलिय भी एक्ससिटेड है क्योकि कोविड के दो साल वापसी कर रहे भारत रंग महोत्सव....



22वां भारत रंग महोत्सव दिल्ली के अलावा नासिक, जयपुर, राजमुंदरी, भोपाल, जम्मू, श्रीनगर, गुवाहाटी, रांची और केवड़िया में होगा....



 इस भारत रंग महोत्सव में पुस्तक विमोचन, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी, लिविंग लेजेंड, मास्टर क्लासेज, मीट द डायरेक्टर जैसे इवेंट और नए फोक टैलेंट और 10 पारंपरिक प्रस्तुति भी फेस्ट के मंच पर होंगे...


तोह उम्मीद करती हूं कि आप को ये सारी जानकारी पसंद आया हो...

शुक्रिया





Thursday 9 February 2023


 















ज़िन्दगी में आप को किस चीज की तलाश है??


ज्यादा तर लोगो का क्या जवाब होगा ? यही की घर पैसा , गाड़ी या प्यार लेकिन आप को पता है, हकिक़त में हमे इन सभी चीजों की तलाश नही होती है, ये सब तोह बस ज़िन्दगी के लिए जरूरी है या कह सके तोह हमारी जरूरत है..


"आप को पता है ज़रूरत कभी आप की तलाश नही हो सकती है..."

लेकिन कोई इस बात को समझता ही नही है...इस दुनिया मे लोगो को लगता है जरूरत ही तलाश है...

लेकिन हकिकत ये है कि जरूरत एक लालच हैं और लालच कभी खत्म नही होता है... कभी सोचा आप ने कि एक्चुअल में आप किसकी तलाश में है..?

यकीनन नही सोचा होगा क्योंकि हम अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए भाग रहे...

इस दुनिया के परे भी एक दुनिया है, जंहा जरूरत और लालच नही है....

"पता है वो आप कि खुद की दुनिया है"...

आप खुद के साथ संतुष्ट रह सकते है..

खुश रह सकते है..

आप खुद के साथ शांत रह सकते है...आखिर हमें ज़िन्दगी के अंत मे क्या चाहिए शांति और सुकूनयत.. ये शांति और सुकूनयत आप को पैसा और गाड़ी या इस दुनिया की चकाचौन्द नही दे सकता है...


आप के अंदर एक दुनिया बस्ती है और ब्रह्मांड बस्ता है ,क्योंकि हम उन्ही के अंश है जो दुनिया और ब्रह्मांड को चलाता है...और जब हमारे अंदर पूरा ब्रह्मांड है तोह क्यो चाहिए पैसा और गाड़ी... हम क्यों नही समझते कि हमारा कर्म ही पैसा और गाड़ी है...हम क्यों नही समझते कि हम अपने अंदर ही संतुष्ट और शांत है....


आखिर क्यों?क्यो?

सोचो आप.....




Thank You @jyotirai


Thursday 19 January 2023


 
















सुना है आप ने "शोर में ख़ामोशी" 

क्या कहा आप ने कि मैं कैसी बात कर रही हूँ...


जी में सही बात कर रही हूँ क्योकि शोर की खामोशी में एक अजीब सा सुकून हैं...

क्या कहा आप ने कि आप ने कभी शोर में खामोशी महसूस नही की हैं..जनाब वो इसलिए क्योंकि आप ने कभी खुद के साथ वक़्त बिताया ही नही , कभी खुद के साथ वक़्त बिताइए ,आप को जरूर शोर में खामोशी मिलेंगी...


इस ब्रह्मांड में जितने एहसास है आप वो हर एहसास के फ़लक को छू सकते है बस खुद के साथ वक़्त बिता के...क्योकि आप खुद के अन्दर ही संतुष्ट होते हैं लेकिन ये बात से अवगत धरती को कोई व्यक्ति नही है...


ओह्ह हो! लगता है मैंने ज़्यादा ही अजीब बात कर दी... देखो! मेरे लिए अजीब बात नही है...मैं जानती हूं आप के लिए होगा...क्योकि आप खुद के साथ नही है ना....

मेरी बातें आप को समझ आएगी जब आप खुद के साथ वक़्त बिताएंगे...






Tuesday 29 March 2022

 







 







 


मैं और मेरे ख्याल !!



लिख रही हूँ !! 

लिखते - लिखते कहां जाउंगी नहीं पता... खैर मैं जंहा भी जाऊं, आप भी चलिए मेरे साथ.. क्या पता आप को अच्छा लगें मेरे साथ..


आप को पता है मैं बहुत मुश्किल ही किसी में खुद को देखती हूँ.. कोई दिखा है , जो हु-बा-हु मुझ सा है..लेकिन मैं उससे दूर ही रहना चाहती हूँ...पता है क्यों ? क्योंकि मुझ को मुझ से ही डर लगता हैं और ख़ुद को उस डर से बहुत मुश्किल से निकाला है..उस डर में खुद को देखना मुश्किल है मेरे लिए!!


ओह्ह हो!! मैं भी क्या बात कर रही हूँ...

शिर्फ़ मेरी, अब बात करते है हमारी क्योकि आप भी मेरे साथ हैं.. मैं आप को कैसे छोर सकती हूँ..


आप को पता है आप हमेशा मेरे साथ रहते हो..मैं कभी अकेले रही ही नहीं.. आप को नही आप कौन हैं? आप मेरे ख्याल है..आप मेरे हर जज़्बात में शामिल रहे हैं... जीतना आप मुझे जानते हो , उतना तोह शायद ही मुझे कोई जानता होगा...और शायद ही मुझे कोई जान सके...


मुझे  आप के साथ रहना और वक़्त बिताना बेहद पसंद हैं...


देखा मैंने कहा था न ,मैं लिखते-लिखते कहीं भी चली जाती हूँ... और मैं जंहा भी जाती हूँ मुझे बहुत मज़ा आता है!!


खैर यही खत्म करते है...

आज की artical में मस्त बात क्या है पता है ? आज में ज्ञान नही दे रही हूँ !! 😅