आज के समय में पता है आप को सब से ज्यादा क्या समझना मुश्किल है...नही कहना चाहती हूं लेकिन क्या करूँ कहना पड़ेगा क्योकि जब तक बताउंगी नही तब तक आप मेरी बातों को समझ नही पाओगे...तो बात कुुुछ ऐसी है कि मैैं ऐसा मानती हूं कि सब से ज्यादा जो मुश्किल होता समझना वो ये होता है कि हमारे सामने वाला वयक्ति/इंसान कैसा है...मैं ऐसा इसलिए कह रही हूं क्योकि इस धरती पर जो सब से अनोखा प्राकृति है वो इंसान है...और आज के समय मे हम इंसानो ने साबित भी किया है कि हम सच मे अनोखे है...मैं अनोखा सब का इस्तेमाल इसलिए कर रही हूं क्योकि इस धरती पर कुुुछ हो ही ऐसा रहा है...अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या हो रहा है...ऐसा क्या हो रहा है आप को सच में नही पता...पता होगा जनाब जरा ध्यान से सोचिए क्या पता आप को पता चल जाए ऐसा क्या हो रहा है...आप को अब भी ध्यान नही आया लगता है अब मुझे बताना चाहिए कि ऐसा क्या हो रहा है...बात ये है कि एक दिन किसी ने मुझे दो लिंक सेंड किया जिसमें से पहले लिंक को पढ़ कर कुछ ऐसा लगा कि कैसे इंसानो पर हैवानियत सर चढ़ कर बोल रहा है...क्योकि उसमे कुछ था ही ऐसा जी वो ये था कि कैसे पांच लोगों ने एक घर से एक महिला को जबरान उठाया लिया और पास केे जंगल मे ले जा कर उसके साथ दुुष्कर्म किया फिर उस महिला को उन सारे ने मिल कर जला दिया..खैर इससे भी ज्यादा गंदे-गंदे दुष्कर्म की घटनाएं आई हुई है जिससे आप रु-बा-रु भी है...समझ नही आता है मुझे कैसे ये इंसानो पर हावी हो जाता है कि उनको ये तक पता नही चलता कि वो क्या कर रहे है और किससे के साथ कर रहे है कोई छोटी सी बच्ची होता है तो कोई बुजुर्ग...इस हैवानियत ने तो रिस्तो को भी खराब कर दिया है आधे से ज्यादा केस में रिस्तेदार सम्मिलित होते है...अब आप ही सोचिए कि इंसानियत कहा जा रही है...
मैं बस इस कारण सभी इंसानो को गलत तो नही कह सकती बहुत इंसान होते है जो साबित करते है कि ये अब भी इंसानो का संसार है हैवानो का नही औऱ हम अनोखे प्राकृति है...अब मैं दूसरे लिंक के बारे में बताना चाहूंगी जिसने साबित किया है कि ये इंसानो की बस्ती है जी हां एक छोटे से बच्चा को पैसो का बैग मिला लेकिन वो बच्चा और उसके परिवार वाले ने वो पैसो के बैग को सीधे पुलिस वालों को सौप दिया वो चाहे तो रख सकते थे क्योकि वो गरीब परिवार के थे लेकिन उन्हीने वो पैसों का बैग नही रखा... इसी चीज को सुपरस्टार रजनीकांत ने उस बच्चे की ईमानदारी को सहारना की और कहा कि हम इस बच्चे को अच्छा एजुकेशन देंगे...
दोनों ही लिंक मानवता की दो पहलू दर्शा रहे है...और ये दोनो ही पहलू कितना कुछ कह रहा है और एक दूसरे से कितना अलग है...मैं तो बस इतना कहना चाहती हूं कि हर इंसान को पता होता है कि क्या गलत है और क्या सही है बस उसका चुनाव करना कठिन होता है...और ये इंसानो के लिए कठिन इसलिए होता है क्योंकि इंसानो की लालसा बहुत बढ़ गई है...इसी लालसा की वजह से इंसान गलत रास्ते का चयन करते है...लास्ट में बस में ये कहना चाहूंगी कि अपने ऊपर लालसा को हावी न होने दो...
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