संसार मतलब बहुत बड़ा बिडम्बना ऐसा इसलिए क्योकि हम सभी बिडम्बना में उलझे है...और जब तक हम बिडम्बना में उलझे है तब तक संसार बिडम्बना में उलझा रहेगा...इस संसार मे किसी केे पास कुछ हो या न हो अनेक तरह की बिडम्बना जरूर होता है...बहुत मुश्किल है संसार को समझना और इस संसार के प्राकृतिक को समझना और हम कभी समझ भी नही पाएंगे क्योकि हम बिडम्बना में उलझे हुए है हमारे पास वक़्त ही नही है खुद को समझने के लिए या हमारे आस पास के लोगो को समझने के लिए तो हम संसार और प्राकृतिक को कहा समझ पाएंगे...बस भाग रहे है क्यो भाग रहे हैं किसी को कुछ नहीं पता...और भागना भी बिडम्बना है...और इस बिडम्बना को समझना भी बिडम्बना है...
अब आप ही सोचिए किसी से प्यार करना बिडम्बना है, किसी से नफरत करना बिडम्बना, खुद को समझना बिडम्बना, खुद को समझना बिडम्बना और ध्यान से सोचेेंगे और देखेंगे तो पाएगे की चारो ओर बिडम्बना ही बिडम्बना है...
अब आप ही देखिए 2019 का चुनाव भी बिडम्बना है नेता केे लिए और हम जनता के लिए....
आप सब से एक बात कहना चाहूंगी मुझे नही पता आप समझोगे या नही...आप ही देखिए मेरे लिए यहाँ भी बिडम्बना आ गया है ऐसी ही आप की ज़िंदगी मे भी अनेक तरह की बिडम्बना आती होगी...खेर मैं कहा थी हां की आप समझोगे या नहीं उम्मीद करती हूं कि आप समझेंगे और मैंने बुजुर्गों से सुना है कि उम्मीद पर दुनिया कायम है इसलिए आप से भी उम्मीद कर रही हूं...बिडम्बना हम खुद ही है और खुद ही लाते हैै और बिडम्बना को दूर करने का एक ही तरीका है और वो है "खुद को समझना" जिस दिन हम खुद को समझ जाएंगे उस दिन हम खुद से जीत जाएंगे और जिस दिन खुद से जीत जाएंगे उस दिन संसार को जीत जाएंंगे...
No comments:
Post a Comment
friends leave a comment beacuse your comment encourage me...