##नज़रिया
नज़रिया ये शब्द के बारे में जब भी मैं सोचती हूं बहुत कुछ दिमाग में आता है जी हां बहुत कुछ...इस दुनिया में जैसे हम सभी एक दूसरे से अलग दिखते है वैसे ही सब का नज़रिया अलग-अलग होता है...आज मैं आप सभी को अपना नज़रिया आप के साथ साझा करना चाहती हूं... उम्मीद करती हूं आप सभी को पसंद आएगा...
शुरू से ही लड़कियों को लेकर सब का नज़रिया अलग-अलग था और अब भी है साथ ही "ख़ौफ़नाक" भी..मैं ख़ौफ़नात शब्द का इस्तेमाल इसलिए कर रही हूं क्योंकि लड़कियों को शुरू से ही बंदिशो में रखा गया है और लड़किया खुद भी अपनी सुरक्षा के लिए बंदिशो के साथ अपना जीवन चलाती है फिर भी लड़कियों की सुरक्षा नही हो पाती आए दिन लड़कियों के साथ हुए दुष्कर्म की खबर आती रहती है...इतनी बंदिशो के बावजूद भी लड़कियों के साथ दुष्कर्म होता है...आप ही बताइए इन बंदिशो का क्या फायदा....अगर बंदिशे लगानी भी है तो लड़कियों के साथ साथ लड़को पर भी लगाओ ताकि लड़कियों की सुरक्षा बनी रहे...
आज के समय मे लोगो हैवानियत इतनी बढ़ गई है कि मासूम बच्चों के साथ दुष्कर्म सोच के ही डर लगता है कि लोगो की हैवानियत किस हद तक बढ़ गई है...
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड के अनुसार 1602 लड़किया तो ऐसी होती है जिसकी उम्र सिर्फ 6-12 साल होती हैं और 8-9 मिहिनो की बच्चीयों के साथ भी सोच के ही डर लगता है ये हैवान कितने बड़े हौआ होंगे...भारत मे हर रोज 896 महिलाओ का शिकार किया जाता है...जी हां शिकार कुछ के साथ बलात्कर, कुछ का अपहरण, कुछ को सेक्सुअल हरासमेंट किया जाता है...70 प्रतिशत महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार होती है और कुछ के साथ तो अपहरण कर जबरदस्ती शादी करते है... ये रिकार्ड्स देख सोचती हूं पहले ही सही होता था बेटियो को जन्म देने से पहले ही मार दिया जाता था अब दुनिया मे आ कर तड़पा तड़पा के मारते है...
##मैने अपना नज़रिया आप के सामने रखा साथ ही एक शार्ट मूवी के ज़रिए एक नज़रिया रख रही हूं उम्मीद करती हूं आप सभी को पसंद आए..
https://youtu.be/DhP3vKk6Tus
No comments:
Post a Comment
friends leave a comment beacuse your comment encourage me...