ज़िद्दी मूवी👇
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क्या आप को अपने बचपन का ज़िद्दी पन याद आता है...मुझे भी आता है...क्यो ना आए ये एक ऐसा दौर होता है...जो भुलाए नही भुला जाता है...क्योकि इस दौर में सारी मुरादे चुटकी बजाते ही पूरी हो जाती है...और जो नही होती थी उसे ज़िद्द करके पूरा कर लिया करते थे...कभी ये नही सोचा करते थे कि मेरी ये ज़िद्द कैसी है और वो पूरा कैसे होगी...
बड़े होने के बाद ज़िद्द खत्म हो जाती है या ज़िद चाहता बन जाती है... उम्मीद करती हूं कि आप समझ रहे होंगे कि मैं किस ज़िद्द और चाहत की बात कर रही हूं...जी हां बचपना खत्म होने के बाद एक ऐसे समय मे एंटर करते है कि वहां ज़िद्द कब चाहत बन जाती है उसका कुछ खबर नही होता...सब की चाहत अलग अलग होती है जैसे मेरी चाहत सक्सेसफुल डायरेक्टर बनने का है तो किसी को अपने प्यार को पाने की चाहत...
लेकिन ये ज़िद्द कभी कभी हमारे ज़िन्दगी को बर्बाद कर देता है...उसका रीज़न ये है कि उस ज़िद्द को हम खुद पर इतना हावी कर लेते है कि सही और गकत में फर्क नही कर पाते है...फिर उस ज़िद्द में कुछ ऐसा कर जाते है कि सब कुछ खत्म सा हो जाता..
मैं ये नही कहना चाहती कि ज़िद्द खराब होता है...मैं बस ये कहना चाहती हूँ कि ज़िद्द को खुद पर हावी होने देना खराब होता है...
👆ऊपर दिए गए फ़िल्म का description
इस शार्ट मूवी में एक ऐसी ज़िद्दी लव स्टोरी को प्रेजेंट किया है...जिसे देख आप को बहुत अच्छा लगेगा...जी हां क्योकि इसमें ज़िद और चाहत की वजह से वो अपनी ज़िंदगी को खो देता है...
वैसे ज़िद्द और चाहत खराब नही होता है लेकिन जब वो ज़िद्द खुद पर हावी हो जाये तो सब कुछ खत्म करके छोड़ता है...
एक शायरी इस शार्ट मूवी के नाम👇
इस जिस्म में रखा क्या है,
मरने पर तोह रूह भी साथ छोड़ देती है।।।
और वो प्यार प्यार ही क्या है,
जो अलग होने पर अपने चाहत की ज़िद छोड़ देती है।।
Actor:- Abhishek
Actress:- Nafeesa khan
D.O.P & EDITING:- Dinesh gautam
Scripting, screenplay & direction:- Jyoti rai
- धन्यवाद अगर पसंद आए तो अपना प्रतिक्रिया देना ना भूले...
Very nice
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