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Friday 22 December 2023


 















Documentary film ka script likhne ke liye, aapko kuch important steps follow karne honge:


Research: Apne documentary topic ko acche se research karein. Thorough knowledge hona zaroori hai.


Outline: Ek rough outline banayein, jisme aap apne documentary ke main points, themes, aur key moments ko include karein.


Introduction: Shuruwat mein audience ko film ke context mein lekar aayein. Clear introduction se audience ka interest capture karna important hai.


Characters/Interviews: Agar aap interviews include kar rahe hain, toh unke questions aur unke jawab ka format tay karein. Characters ya real-life stories ko highlight karein.


Visuals: Script mein visuals aur B-roll shots ke liye placeholders bhi include karein. Ye aapko shooting aur editing ke phase mein help karega.


Narration: Agar aap apne documentary mein voiceover use kar rahe hain, toh narration script likhein. Yeh clear, concise, aur engaging hona chahiye.


Transitions: Film ke different sections mein smooth transitions ke liye script mein transition points include karein.


Conclusion: Documentary ka conclusion kaise hoga, uske baare mein soche. Aap apne audience ko kya message dena chahte hain?


Script Formatting: Standard script formatting guidelines follow karein, taki production team ko aasani se samajh aaye.


Feedback: Apne script ko peers ya experts se review karwayein, taki aapko valuable feedback mil sake.


Remember, documentary scripts can be flexible, but having a well-structured plan is crucial.




Thursday 21 December 2023


 













Documentary film ka topic chunne ke liye, aap ye steps follow kar sakte hain:


Apne Interests: Apne interests aur passions ke baare mein sochhein. Kya aap kisi particular subject mein interested hain?


Current Issues: Samay ke anusaar chal rahe issues ko dhyan mein rakhein. Kuch aisa choose karein jo aapko personally affect karta ho ya jo society mein important ho.


Research: Internet, books, aur articles se research karein. Aapke topic par kya information available hai, isse aapko idea milega ki aap kis angle se approach karna chahte hain.


Audience: Apne documentary ki audience ka target clear karein. Aap kis tarah ke viewers ko target karna chahte hain?


Unique Perspective: Koshish karein ki aapka documentary kuch unique ho, kuch naya dikhaye, ya ek alag perspective se samjhaaye.


Feasibility: Aapke pass topic par research aur filming karne ke liye resources hain ya nahi, iska bhi dhyan rakhein.


Impact: Sochein ki aapka documentary kis tarah se viewers par impact dal sakta hai. Kya aap kisi social change ko promote karna chahte hain?


In steps ko follow karke aap ek compelling documentary topic decide kar sakte hain.




Unique Perspective: Koshish karein ki aapka documentary kuch unique ho, kuch naya dikhaye, ya ek alag perspective se samjhaaye.


Feasibility: Aapke pass topic par research aur filming karne ke liye resources hain ya nahi, iska bhi dhyan rakhein.


Impact: Sochein ki aapka documentary kis tarah se viewers par impact dal sakta hai. Kya aap kisi social change ko promote karna chahte hain?


In steps ko follow karke aap ek compelling documentary topic decide kar sakte hain.




Friday 26 May 2023


 













गिम्बल वीडियो शूट करने के लिए एक गिम्बल उपकरण का उपयोग किया जाता है। गिम्बल एक स्टेबिलाइजेशन सिस्टम है जो आपकी कैमरे को बिना कंपन के स्थिर रखने में मदद करता है और सुनिश्चित करता है कि शूटिंग के दौरान तांत्रिक पलटन और हिलावट का कमी होती है। यह वीडियो और फ़ोटोग्राफी में उच्च गुणवत्ता और सुव्यवस्थित दृश्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है।


गिम्बल को वीडियो शूट करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:


1. गिम्बल उपकरण की तैयारी: अपने गिम्बल को वीडियो शूट करने से पहले उचित तरीके से तैयार करें। यह आमतौर पर बैटरी चार्ज करने या उपकरण को समय-समय पर सेट करने को शामिल करता है।


2. कैमरा माउंट करें: अपनी वीडियो कैमरा को गिम्बल पर माउंट करें। यह आपकी कैमरे को स्थिर रखने और उसे गिम्बल सिस्टम के साथ इंटरफ़ेस करने में मदद करेगा।


3. गिम्बल का बैलेंसिंग: अपने गिम्बल को बैलेंस करें। यह उपकरण का महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि यह सुनिश्चित करेगा कि कैमरा स्थिर रहता है और आपको स्थानांतरण के दौरान बलांस नहीं खोना पड़ता है।


4. कैमरा सेटिंग्स: अपनी वीडियो कैमरे की सेटिंग्स को सही करें। यह शामिल करता है शूटिंग मोड, शटर स्पीड, आपरेचर और व्हाइट बैलेंस जैसे पैरामीटर्स को समायोजित करना।


5. गिम्बल के गतिशीलता सेटिंग्स: अपने गिम्बल के गतिशीलता सेटिंग्स को निर्धारित करें। यह आपके शूट करने के स्टाइल और आवश्यकताओं के आधार पर होगा, जैसे कि कैमरा के रोल, पैच, और यॉ एक्सिस व्यवस्था को सेट करना।


6. वीडियो की कद्रबद्धता: वीडियो की कद्रबद्धता सेट करें, जैसे 30 फ्रेम्स प्रति सेकंड (FPS) या 60 FPS। यह आपके वीडियो की चाल, सुविधाओं और इंटेंडिड उपयोग के आधार पर चुना जा सकता है।


Sunday 7 May 2023


 















फिल्म स्क्रिप्ट की शुरुआत एक विचार से होती है। विचार जो कुछ भी हो सकता है - एक कहानी, एक स्थिति, एक विषय या एक विचार। इसलिए, अगर आप फिल्म स्क्रिप्ट के लिए एक विचार खोजना चाहते हैं, तो निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:


1. खुद को इंस्पायर करें: आप अपनी आस-पास घटित होने वाली घटनाओं, अपनी जिंदगी के अनुभवों, आपके पसंदीदा फिल्मों या टीवी शो से प्रेरणा ले सकते हैं।


2. समाचार का अध्ययन करें: समाचार आपको वर्तमान समय के विषयों के बारे में जानकारी देता है जो फिल्म या टीवी शो के लिए एक विचार के रूप में उपयोगी हो सकते हैं।


3. विचारों का संग्रह करें: जब आप एक विचार के बारे में सोचते हो, तो उसे नोट डाउन करें या अपने फोन में रिकॉर्ड करें। फिर उन सभी विचारों को संग्रहित करें जिन्हें आप फिल्म स्क्रिप्ट के लिए उपयोगी समझते हैं।


4. एक सार्वजनिक स्थान पर ध्यान केंद्रित करें: कई बार आपको फिल्म स्क्रिप्ट idea वंही से मिलेगा।

Saturday 6 May 2023


Krishn bhagwaan














कृष्ण जी हिंदू धर्म के एक महान आध्यात्मिक गुरु थे जिन्होंने महाभारत काल में अर्जुन को गीता के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान दिया था। वे उन्होंने अपने जीवन में अनेक उपदेश दिए थे, जो कलयुग में भी बहुत महत्वपूर्ण हैं।


प्रथम उपदेश है धर्म के अनुसार कर्म करना। कृष्ण जी ने बताया कि हमें अपने कर्तव्यों को अच्छी तरह से करना चाहिए और इसके लिए हमें कर्म के फल से आसक्त नहीं होना चाहिए। यह उन्हें कर्मयोग के सिद्धांत का दृष्टिकोण देता है।


दूसरा उपदेश है सच्चे और निस्स्वार्थ प्रेम का महत्व समझना। कृष्ण जी ने बताया कि सच्चा प्रेम भगवान के प्रति होना चाहिए और हमें अपने आप से ज्यादा दूसरों के लिए सोचना चाहिए।


तीसरा उपदेश है अहंकार का त्याग करना। कृष्ण जी ने बताया कि अहंकार हमें समस्याओं में डाल सकता है और इसलिए हमें अहंकार को त्याग करना चाहिए।


कृष्ण जी के चौथे उपदेश में संतोष का महत्व बताया गया है। यह उनके कलयुग में दिए गए उपदेशों में से एक है जो आज भी बहुत महत्वपूर्ण है।


कृष्ण जी ने संतोष को वह स्थिति बताया है जहाँ हम अपने जीवन में हमेशा शांति और संतुष्टि का अनुभव करते हैं। यह स्थिति उन्हें कलयुग में सबसे उच्च आध्यात्मिक स्थिति मानी गई है।


इस उपदेश के अनुसार, हमें अपने जीवन में संतोष की तलाश करनी चाहिए और हमेशा उस चीज के लिए प्रयास करना चाहिए जो हमें खुशी देती है। यह हमें आनंद और समृद्धि का अनुभव करने में मदद करेगा।


कृष्ण जी ने संतोष को धन, सम्मान और इस तरह की सामग्री से नहीं जोड़ा, वे बताते हैं कि संतोष मन की शांति से आता है। वे यह भी बताते हैं कि संतोष के बिना दूसरे आध्यात्मिक स्थितियों जैसे शांति, समझ और ध्यान का अनुभव नहीं हो सकता।


इसलिए, कृष्ण जी का यह उपदेश कल युग के सभी लोगों के लिए लाभदायक हो सकता हैं!!!

Tuesday 2 May 2023


 














बॉलीवुड की पहली हीरोइन राजेश्वरी सुब्बाराव प्रधान (Rajshree Subhash) थीं। वे 1964 में रिलीज हुई फिल्म 'जन्मजात' (Janwar) के साथ बॉलीवुड में अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत की थीं।


राजेश्वरी सुब्बाराव प्रधान 1950 के दशक में भारत में पैदा हुईं थीं और उन्होंने एक मुंबई आधारित संस्कृति और कला के परिवार में जन्म ली थी। उन्होंने फिल्म करियर की शुरुआत बालगाथा फिल्म 'जन्मजात' में शामिल होकर की। इस फिल्म में उनके साथ शामिल थे जाने-माने अभिनेता शम्मी कपूर और माधुबाला। उन्होंने फिल्म में शामिल होने से पहले थिएटर में काम किया था।


राजेश्वरी ने फिल्मों के साथ कुछ समय बिताया, लेकिन बाद में वे अपने अभिनय करियर से सन्न थीं। वे अपने पति और बच्चों की देखभाल के लिए समय देने लगीं थीं। लेकिन बॉलीवुड में उनकी यादगार एक्टिंग प्रदर्शन आज भी लोगों के दिलों में जीवित है।


Saturday 29 April 2023

 
















एक सिख के लिए, लालच एक बुरी बात होती है। सिख धर्म में, संतोष एक महत्वपूर्ण गुण होता है जिसे अनुयायी होना चाहिए। संतोष का मतलब होता है जिस स्थिति में हम हैं, उसे स्वीकार करना और खुश रहना। इस गुण का पालन करना सिखों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।


लालच के माध्यम से व्यक्ति अपने आप को अन्य लोगों से बेहतर समझने लगता है और इससे उसके मन में अहंकार का भाव उत्पन्न होता है। संतोष के विपरीत, लालच का मतलब होता है कि व्यक्ति जिसे जो कुछ मिलता है, वह उससे संतुष्ट नहीं होता है और अधिक चाहता है। लालची व्यक्ति कभी भी अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाता और उसे खुश नहीं रख पाता।


सिख धर्म में, संतोष को पालन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है जो लालच के खिलाफ होता है। इसलिए, सिखों को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार अपने जीवन को जीने के लिए संतोष से जीना चाहिए।